रविवार, 9 अक्तूबर 2011

बुद्धि बिकी होती है

* हँसी आती है
बचपने के ज्ञान पर ,
हम समझते थे कि
एक बुद्धिमानी होती है
दूसरी मूर्खता होती है
शुद्ध रूप से |
लेकिन नहीं ,
अब ज्ञात हुआ है कि
एक बुद्धि होती है
और वह बिकी होती है ,
जो बिकी नहीं होती
वह दुर्बुद्धि होती है |
#
* तह में पैठ नहीं है जिनकी ,
वह कविता क्या खाक करेंगे ? #

* कविता को
जीना होता है
जीने से
कविता होती है | #

* माँ बताती है
माँ का हाथ
लथ हो जाता था
मुझे लिए -लिए काम करते
माँ बताती है , तब
वह मुझे बाप की गोद में
डाल देती थी
और मैं सो जाती थी
अम्मा बताती है |
अब मन होता है -
बप्पा होते तो मैं
आज भी उनकी गोद में
सर डाल देती |
सोचकर आँखों में
आंसू ही आते हैं |#

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