* प्रार्थना एक समय
प्रार्थना थी ,
प्रार्थना , अब
किसी भी प्रभु की
निंदा प्रस्तावना ।
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* हवा पत्ते को उड़ा ले गयी
यह कहना ठीक नहीं है ,
सच तो यह हुआ
कि हवा ने पहले तो
पत्ते को छुआ
फिर उसे सर्वांग चूमा
फिर जोर से उसे आलिंगन में भींचा
और उसका हाथ पकड़ कर
अपनी ओर खींचा
और अपने साथ ले चली ।
लोग यह क्यों नहीं कहते
कि पत्ता ही हवा को उड़ा ले चला ?
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[Poem by - Paradise Lost]
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