* अन्ना टीम एक शाश्वत भ्रमित लोगों का एकजुटन है । कुमार विश्वास कहते है कि यह सौ करोड़ जनता का कोर कमेटी बने । कैसे हो सकता है यह ? क्या उन्हें मालूम नहीं कि ऐसी ही वास्तविक कोरे कमेटी तो सरकार का मंत्रिमंडल है जिसे जनता पूरे देश से चुन कर भेजती - बनाती है , और उसी से वे पंगा लिए हुए हैं । देश की कोर कमेटी में शामिल होना हो तो चुनाव में उतरो । अब तुम इस सुख को बिना चुनाव लड़े भोगना चाहते हो तो और बात है । #
* बड़ी आसानी से समझा जा सकता है की टीम क्या चाहती है । भ्रष्टाचार विरोध उसकी दिली आकांछा नहीं है , यह तो तय है । जैसे इंदिरा गाँधी का गरीबी हटाओ का नारा गरीबी हटाने के लिए नहीं था । सीधा सा खेल राजनीतिक खिलवाड़ का है । यह टीम जन लोकपाल बिल के बहाने अपने को एक समानांतर सरकार के रूप में प्रतिष्टित करना चाहती है । अभी लोकपाल है , फिर वह हर मसले पर दबाव डालकर अपनी बातें ही मनवाने का स्वरुप धरेगी , अपना राज भारतीय राज्य पर चलाएगी , या इसकी कोशिश करेगी । इसलिए भूषण के बयान को अनदेखा नहीं किया जा सकता , क्योंकि इससे हमें इनकी भावी राजनीति की झलक मिलती है । न ही केजरी, बेदी , कुमार विश्वास के ,अनियमितता ही सही , व्यवहारों को यूँ नज़रंदाज़ किया जा सकता है ।
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