उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2011
बनियान
[पत्रकारिता के आयाम ] जीरो नंबर के वस्त्रों से शुरू हुआ जीवन , पंचानबे सेंटीमीटर के बनियान तक चला | अब पैंसठ की उम्र में नब्बे सेंटीमीटर की बनयान भी ढीली लगने लगी | ## [गीत ] मल्लाहों ने घाट उतारा मौत के घाट उतारा , मल्लाहों ने |
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