बुधवार, 28 सितंबर 2011

नए हाइकु

* सोचते नहीं
या सोच नहीं पाते
जाने क्या बात ! #

* हम क्या करें ?
लोग सोचते नहीं
तो मैं क्या करूँ ? #

* कुछ कमी है
कुछ तो कमी है ही
धर्म संस्था में ! #

* आकर्षक हैं
क्योंकि गोपनीय हैं
वे कुछ अंग । #


*
कुछ न कुछ
कुछ बात तो है ही
वह खफा हैं । #

* कविता ले लो
मुझे क्यों ले जाते हो
मंच की ओर ? #

* जितना खुश
होना चाहिए मुझे
उतना मै हूँ ,
जितना दुखी
होना चाहिए मुझे
उतना मैं हूँ । #

* साहित्यकार
क्या होता है , अगर
आदमी नहीं ! #

* मेरी बातों को
यूँ न टाल पाओगे
टालो तो देखो ! #
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