सोमवार, 19 सितंबर 2011

सांस्कृतिक साम्प्रदायिकता

* - थोड़ा सोच कर देखने में क्या हर्ज़ है कि अन्ना के स्थान पर , दलितों को तो खैर इसकी ज़रुरत ही नहीं थी ,यदि कोई मुसलमान , आखिर अन्ना से पहले केजरीवाल ए पी जे कलाम के पास गए ही थे , इस आन्दोलन का नेता होता , तो क्या रामलीला मैदान में ऐसी भीड़ जुटी होती, या देश में ऐसी ही उत्तेजना व्याप्त होती ?
* - India to dream like Gujrat -[Narendr Modi ]
No, no and no Narendra bhai , Do not apply Gujrat dream on India . Please !
* - [says nagrik] = Gain Power with no Gun Powder ' .
* - इस बार का ज्ञानपीठ पुरस्कार उर्दू शायर शहरयार को मिल रहा है । यह उन्हें अमिताभ बच्चन के कर - चूर्ण द्वारा दिलाया जा रहा है । अब शहरयार जी जो भी करें , पर मैं होता तो उनके हाथों यह पुरस्कार न लेता । बल्कि अड़ जाता कि मुझे यह सम्मान पूनम पाण्डे के कर कमलों द्वारा दिलाया जाय । #
* - दैनिक जागरण [अखबार] की बिक्री के आंकड़े बताते हैं कि जनता में सांस्कृतिक साम्प्रदायिकता किस हद तक फैली हुयी है ? बहरहाल ख़ुशी की बात है कि हमारा दलित समाज इससे मुक्त है , बल्कि इससे मुक्ति पाने की छटपटाहट में है । #
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