गुरुवार, 29 सितंबर 2011

तुम्हारे आने से पहले

* [कविता ]
तुम्हारे आने से पहले ही
तुम्हें खिलाने पिलाने की
व्यवस्था पक्की है ,
दाल भिगो दिया गया है
नमकीन ,मिठाइयाँ बनकर तैयार हैं ,
बढ़िया बासमती चावल आ गया है
सब्जियों से फ्रिज भरा है और
मसालों से मसालों का डिब्बा
बस थोड़ी हरी धनिया की पत्ती आनी है
वह नुक्कड़ से फ़ौरन आ जायगी
जब तुम आओगे ।
तुन आओ तो सही ! #

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