गुरुवार, 29 सितंबर 2011

तीन कवितायेँ

* [कवितायेँ ]
१ - काम कर रहा हूँ तो
कुछ हो ही तो रहा है ,
कोई बैठा तो नहीं हूँ
हाथ पर हाथ धरे
कि कोई मेरा काम करे
या मुझसे प्यार ! #

२ - कवि तो वह जो
कविता में जिए
यह क्या कि साल में
एक कविता करके
कोई कवि बन जाये
चाहें वह कविता कितनी ही
साहित्यिक क्यों न हो ! #

३ - [हाइकु ]
यहाँ तो सब
बुद्धि का मामला है
कौन साथ दे ? #
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