* बूढ़ों के जिम्मे सिर्फ नाती पोतियों का आशल -कुशल रखना , उन्हें खिलाना ही नहीं , एक और महत्त्वपूर्ण काम भी है । अपने साथी बूढ़ों की बीमारी में उन्हें देखने उनके घर - अस्पताल जाना और उनके मर जाने पर श्मशान जाना , शोक सभा में शामिल होना , उनका बढ़ा हुआ काम है ।
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