शनिवार, 24 सितंबर 2011

सांस्कृतिक अनुसंधान

* ईश्वर मानव जीवन क एक महान झूठ , महा पाखंड , बनावटी फूल और आतिशबाजी है , जिससे जीवन को सजाया संवारा तो जा सकता है , लेकिन आतिशबाजी अक्सर बम बिस्फोट में बदलती है- नरसंहारक । #
* ईश्वर मानव सभ्यता का एक सांस्कृतिक अनुसंधान है । ईश्वर की अवधारणा विज्ञान से आगे की चीज़ है । वह धर्मों की पहुँच के तो बाहर ही है । #
* God is a cultural invention of human civilization . It's philosophy is little ahead of science . It is beyond the reach of religions . #

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें