I say : MARRIAGE IS NOT A LOVE AFFAIR ..
* * If youare in politics ,you must be a socialist . If you are not directly in politics ,you ought to be individualist . In this way a dialectics ,a process of adjustment between real thought and practical action ,would go on in the society, and so in the civilization . #
उवाच : जब 'वादी ' हो गए , तो कैसे कवि और कैसे बुद्धि जीवी ! # or :
* जब 'वादी ' हो गए , तो समझो - बुद्धि के " बागी " हो गए | #
* मार्क्सवादी [ या इन अर्थों में हि०मु० सिoई० भी] पैदाइशी मूर्ख नहीं होते | इन्हें बाद में बनाया जाता है |
*
व्यक्तिवाचक : " औरत कहती गयी , मैं करता गया | " [ambiguous]
This age :
* DIVIDED PARTS OF INDIA
Here some persons are,themselves,not a part of India. See, what are these magassesse and booker awards ? What for they are ? Who gives them to Indians to alienate them from India ? Look, what are awardees doing and behaving like ? Like DADAS & DIDIS of words with no swords in their hands . They make our Indians fight in line with them . they are wrecking the integrity of India.they are not Indians themselves. The Indian knows to rule and to be ruled . These people with their heights (urooz) of talent (-----) avoid responsibility of ruling but do disturb the ruled masses .
*भारतीय जनमानस : राम जेठमलानी की तरह तमाम हिन्दुस्तानियों का पक्ष है | वे भाजपा को चाहते तो हैं , लेकिन उसकी नादानियाँ पसंद नहीं करते | अब शायद यह मानस , दृष्टिकोण कभी भारत पर राज करे ! #
* यह सच है और सब जानते हैं कि अयोध्या का मामला हिन्दुओं की राजनीति है , शुद्ध राजनीति | इसमें हिन्दू धार्मिकता या आध्यात्मिकता का कोई ,कतरा भी अंश नहीं है | चलिए यदि हम उनकी बात या पीड़ा मान भी लें कि एक गैर इस्लामी या इस्लाम विरोधी राजनीति होनी स्वाभाविक है देश के बंट जाने और पकिस्तान के इस्लामी बन जाने के बाद | तो भी हिंदुत्व के भ्रमित सिपाहियों को भाजपा और विहिपियों को , कि यह एक गलत राजनीति है ,जिससे कुछ भी हासिल नहीं होने वाला | यह बचकाना है ,जैसा जेठमलानी कहते हैं , childish .| इससे हिन्दू लामबंद नहीं होगा | उलटे मुस्लिमों को एकजुट होने का बहाना मिल रहा है और अपनी दयनीयता का रोना विश्व में फ़ैलाने का मौका | राजनीति को राजनीति कि तरह हि लड़ना चाहिए ,न कि आस्था की दुहाई पर | इसे अब के ज़माने में कोई विश्व नहीं सुनता | राजनीति लौकिक व्यवहारों पर चलती है | जिन्ना सर ने हिंदुत्व और इस्लाम का झगडा पेश नहीं किया था | उन्होंने हिन्दू और मुस्लिम कौमों की वर्गीय ,दुनियादारी के जीवन का मुद्दा उठाया था | ऐसे कि ये दोनों इन -इन कारणों से ,रहने सहने के तौर तरीकों में ये -ये -भाषा ,संस्कृति आदि में फर्क के कारण साथ नहीं रह सकते | महीन बात है समझने की | उसी तरह अब हिन्दू भी सशक्त तरीके से उन्ही के तर्क पर कह सकता है कि हिन्दू भी हिंदुस्तान में उनके साथ रहने में विनम्रता पूर्वक असमर्थ है | इसमें राम कहाँ पैदा हुए ,कहाँ मरे से क्या मतलब ? युद्ध की दिशा हि पूरी बदल जाती है | समर्थक कोई बुद्धिमान नहीं मिलता और अभियान के विरोधी ज्यादा तैयार होते हैं | जैसे कि एक यही ,इन पंक्तियों का लेखक ही | यह उन का विरोधी है क्योंकि उनकी हरकतों से देश कमज़ोर हो रहा है जो नागरिक को कतई बर्दाश्त नहीं | #
* चार -चार कोस पर भाषाएं बदलती ,मिलती -बिछुड्ती किस तरह आगे चलकर बंगाली , तमिल ,तेलुगु , कन्नड़ हो जाती हैं कि समझ में नहीं आती !
कविता :
* मैंने उनसे
माफ़ी मांगने को कहा
उन्होंने नहीं मांगी
मैंने उन्हें
माफ़ कर दिया | #
Story
Title : साडी - ब्लाउज
हिन्दू समाज में हर बात पर साडी ब्लाउज का चक्कर है | बहन , बुआ ,मौसी ,यह ,वह , आ रही हैं तो | कहीं मुंडन ,ब्याह ,गौना या कोई न्योता है तो चाहिए | हमारी औरत कहीं जाए ये कहीं से कोई औरत हमारे घर आये तो यह ज़रूरी सामान है | यदि संबंधों में ये दो कपडे न आते तो व्यवहार अधिक सरल होते |
गाकर : * नींद आती है तो आये | नींद जाती है तो जाए ....
* कहना मेरा काम है सुनना उनका काम | अब मैं कर सकता नहीं सारा इन्तेजाम |
हाइकु :
* आती है कोई / नई यदि सभ्यता / तो आएगी ही |
* चार दिन की / चांदनी है फिर तो / अँधेरी रात |
* प्यार ! प्रणाम / जाने के लिए नहीं / आने के लिए |
* हार्ट अटैक / मेरे पास दिल है / यह तो सिद्ध |
* छोटी सी काली / माता है सुंदर सी / दक्षिणेश्वर |
* एक दिन में / नहीं होता फलित / प्यार व्यापर |
* एक ही मंत्र / मुझे याद ,वह है / शरणागत |
* वह मिलेगा / यह बात नहीं है / वह पास है |
* अभी तुम्हारा / चेहरा देखना है / कहाँ देखा है |
* बिना मंदिर / बिना मीनारें कहाँ / जमतीं आँखें |
* देखूं तुमको / पुनि -पुनि आकर / शीश झुकाऊँ |
* कैसे लेखक / काहे के बुद्धिजीवी / कौड़ी के तीन |
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