१) [यथा कथा ] एक यात्री ने सियालदह रेलवे स्टेशन जाने के लिए एक टैक्सी ली |वहां पहुँच कर टैक्सी वाले ने कहा -बाबूजी ,आ गए |यात्री ने उधर देखा और बोला -मुझे बाहरी आदमी जानकर बेवकूफ बनाते हो ? यह allahabad bank है या सियालदह स्टेसन ? सचमुच उस बिल्डिंग पर सबसे ऊपर ,सबसे बड़े अक्षरों में allahabad bank का एड चमक रहा था |
२) फिल्मो को अब दुसरे तरीको से सबके साथ देखना असहनीय बनाया जा रहा है | चाहे वो थ्री idiots हो चाहे दबंग | कभी संस्कृत के श्लोक का सहारा ले कर, तो कभी शारीर में इतने छेद बना देने की धमकी दे कर |
3 / कोलकाता में / शुरू से ही / भर कर चलती हैं सिटी बसें / रास्ते में ओवरलोड होती जाती / ठूंसते जाते हैं लोग
बीच -बीच में / उतरती हैं कुछ / धक्का -मुक्का करतीं /
चढ़ती हैं सवारियां / सवारियों को ढकेलती / |
छः सवारियां / बैठती हैं ऑटो पर / आगे तीन ,पीछे तीन / सवारियों में नर-नारी का भेद /
नहीं बरता जाता / और आगे बीच में / फंसा बैठता है ड्राइवर / |
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