१ - कितनी बार / टूटूं , कितनी बार / शादी बनाऊँ |
२- सब पराया / यह मत भूलो कि /यहाँ से जाना |
३- आई नीड शी / म्युचुअल व्यापार /शी नीड्स मनी |
४- मान लीजिये / हम असंतुष्ट हैं / तो करें भी क्या |
५- पैसा जो है तो / बहाने भी बहुत / हैं खर्चने के
६- मर्द , मर्द है / औरत भी औरत / है इसलिए |
७- नहीं भूलतीं / स्मृतियाँ पैठ जातीं / हैं जो गहरे .
८- पिता - पुत्र में / कुछ तो अंतर है / दर पीढ़ियाँ |
९- दुनियादार / कितने भी हो जांय / मेरे रहेंगे |
१० - डॉक्टर है जो / सुई लगा ल्रता है / मेरे गाँव का |
११ - घर से बाहर / न निकला होता तो / क्या तुम्हें पाता !
१२ - कितनी शांत / सागर कि लहरें / चुप तूफ़ान |
१३ - प्रेम विपत्ति / किसी पर न पड़े / मैंने भुगता |
१४ - होशियार है / पता नहीं कौन है / बहुत ज्यादा |
१५ - किसी के लिए / जीना -मरना ,सुख / सबसे बड़ा |
१६ - आकर्षक है / खुरदुरापन भी / यदि उनका |
१७ - लगता तो है / देह और मन /कुछ अलग |
१८ - सरल हुई / हत्या या आत्महत्त्या / तमाम दिन |
१९ - याद आती है / पुरानी घटनाएँ / बेमतलब |
२० - मैं भी तन्वंगी / बन जाऊंगा कभी / [ झुका शारीर ] /
लहरदार /होना तो है मुझे भी / बुढ़ापा आये /
२१ - कोई भी उम्र / कच्ची नहीं होती है / कन्या के लिए |
२२ -कभी न कभी / कहते कहते ही / तो कभी नहीं |
२३ - अप्रत्याशित / कुछ हो जाए , खुले / उनकी आँख |
२४ - याद करना / और बात है , ख्याल / करना और |
२५ - अब तो कहीं / मन नहीं लगता / उचाट सा है |
२६ - बेटर देन / अ वूमन , हाउ बी / अ मैंन कैन |
Better than / A woman , how be / Aman can /|
२७ - असबाब से / मतलब नहीं है / सबाब से है |
२८- अच्छा होगा तो / चाटकर खाऊँगा / नहीं तो नहीं |
२९ - फूल जो हैं तो / सड़ भी तो जाते हैं / पूजा के बाद |
३० - चक्कर चला / प्रेम - दीवानगी का / कोई न बचा |
३१ - मैं किसी का भी / कर्ज़दार नहीं हूँ / मर सकूंगा |
३२ - हूँ तो जरूर / जीने की कोशिश में / शायद जियूं |
३३ - मैं किसी का भी / मृत्यु के समय में / ऋणी नहीं हूँ |
३४ - जानते हुए / कोई किसी का नहीं / कोई हो जाता |
३५ - महत्वपूर्ण है / हर एक आदमी / कोई न एक |
३६ - जीना दुष्वार / औरत ने जिंदगी / नर्क कर दी |
३७ - बनेंगे हम / कितना होशियार / आख़िरकार |
३८ - प्रभु की माया / सब मजबूर हैं / उसके आगे |
३९ - मित्र बनाना / बहुत मुश्किल है / इस काल में |
४० - किसी तरह / नौकरी तो निभाई / जान छुड़ाई |
४१ - परायापन / अजीब सा छा गया / सबके प्रति |
४२ - इतना प्रौढ़ / तो मैं अभी नहीं हूँ / कि तुम्हें भूलूँ |
४३ - मेरा तन है / एक वतन , अब / तेरे हवाले |
४४ -कहाँ जाओगे / बच्चों को छोड़कर / इस उम्र में |
४५ - कुछ भी कहो / दिल न लगा पाया / दुनियापा से |
४६ - चोर चोर हैं / सब मिले जुले हैं / मौसेरे भाई |
४७ - मौलिक बात / कभी नहीं कहता / मैं भूल से भी |
४८ - खाते समय / लिखने में दिक्कत / हाथ फंसा है |
४९ - सोच रहा था / मिल जाती जो वह / तो क्या करता |
५० - कोई गरीब / बेचारा नहीं होता / ध्यान रखना |
५१ - कोई सम्राट / सर्वशक्तिमान हो / ऐसा भी नहीं |
* ५२ - तमाम लोग / मौलिक चिन्तक हैं / चिल्लाते नहीं |
* ५३ - वार गया था / तन - मन - धन से / तो भी ठूंठ |
* ५४ - सब कमरे / ड्राईंग रूम हुए / मैं कहाँ रहूँ |
* ५५ - हम पुरानी / ढोल नहीं बजाते / नया कहते |
* ५६ - क्यों बनें हम / कोई बड़ा आदमी / छोटा हूँ भला |
*५७ - अकेलापन / मुझे खाने को दौड़े / तुम आ जाओ |
* ५८ - सब किसी को / दिखावट पसंद / दर्शन प्यारा |
* ५९ - नाम न लीजे / ठोस कुछ न होगा / सब दिखावा |
* ६० - नवनीत तो / शीर्षक ज़रूर है / है यह सम्पूर्ण |
* ६१ - कर्म से पूर्व / सोचना पड़ता है / क्या हश्र होगा |
६२ - मैं कभी कोई / ख़ास बात कहता / कभी भी नहीं |
६३ - मैं कभी कोई / ख़ास बात कहता / कभी भी नहीं |
६४ - स्वास्थ्य भी कुछ / ठीक होना चाहिए / कर्म के लिए |
६५ - थोड़ा तो मूर्ख / हम हो सकते हैं / अधिक नहीं |
६६ - कर रहा हूँ / शून्य में विचरण / आनंदमग्न |
६७ - मिल जाता है / अब संतोषसुख / लिख करके |
६८ - शांत भाव से / दुर्गम पथ पार / तमाम किये |
६९ - कुछ रहेंगे / कुछ भर जायेंगे / जीवन - घाव |
७० - जनहित ही / डिमोक्रेसी का अर्थ / होगा ही होगा |
७१ - उत्तेजना तो / क्षणिक होती ही है / बड़े काम की |
७२ - जग -हंसाई / किसी के भी आखिर / काम न आई |
७३ - और भी दर्द / हैं लिखने के लिए / सुनो छिछोरो |
७४ - आसान होतीं / चीज़ें , उन्हें मुश्किल / हम बनाते |
७५ - माँ- बाप अब / बता नहीं सकते / वे कैसे मरे |
७६ - कहूं ,न कहूं / सोचता रह गया / कह न पाया |
७७ - शरीर भले / हो मांस का लोथड़ा / तो भी कीमती |
७८ - शरीर चाहे / हांड -मांस हो तो भी / महत्वपूर्ण |
७९ - लिखते नहीं / खिलवाड़ करते / शब्दों के संग |
८० - दोस्त बनोगे ? कितना मुश्किल है / यह पूछना !
८१ - सभी बनाते अपनी -२ दुनिया / मैं भी बनाऊं |
८२ - अजीब नींद / साथ तमाम ख्याल / आते रहते |
८३ - इतनी ज़ल्दी / इतना बड़ा द्वंद्व / ख़त्म होगा क्या |
८४ - सुख में दोस्त / सुख-दुःख में माता / दुःख में पत्नी |
८५ - हर जगह / औरत की हालत / वही की वही |
८६ - सच लगता / क्षिति - जल -पावक / गगन -वायु |
८७ - उठाया तूने / अँधेरे का फायदा / अँधेरा घिरा |
८८ - हासिल होगा / उनसे मिलकर / भला क्या हमें |
८९ - अति विवश / है पुरुष , औरत / मौज करती |
९० - संस्था तो चली / स्वतंत्र जन नहीं / हैं तो न सही |
९१ - संस्कृत मरी / फास्ट फ़ूड हिंदी ने / उसको खाया |
९२ - रखना याद / आदमी की औलाद / ही तो हो तुम |
९३ - सब नक़ल / देखा - देखी ही होता / पुण्य या पाप |
९४ - यह भी सही / सोचोगे तो पाओगे / वह भी सही |
९५ - यह न होता / पता नहीं क्या होता / तब क्या होता |
९६ - बाल छोटे तो / बाप का उपदेश / बेटे का शौक |
९७ - पूजा करना / सिखाते हैं माँ- बाप / बच्चे करते |
९८ - बच्चे करते / माँ- बाप का बताया / धर्म - पाखंड |
९९ - ज्ञान कहीं भी / पाया जा सकता है / किसी जगह |
१०० - मैन है तभी / तक सुपरमैन / का अस्तित्व है |
१०१ - भारतवर्ष / इंगलैंड का बाप / होगा शीघ्र ही |
१०२ - आँखें उनकी / इतनी बड़ी हैं कि / डर लगता |
१०३ - कम कमाओ / कम खाओ तो कहो / तुम धार्मिक |
१०४ - भविष्य वाणी / करने की आज़ादी / है तो उन्हें भी |
१०५ - लगता तो है / नज़र बदली है / कुछ उनकी |
१०६ - पत्रकारिता / सारी ज़िम्मेदारी न / लेती तो अच्छा |
१०७ - याद आएगा / दुनिया को अंततः / सेक्युलरिज्म |
१०८ - मुंह में लगा / खून छूटेगा नहीं / माओवादियों !
१०९ - जाने दीजिये / बच्चों का मामला है / सुलटा लेंगे |
११० - मौन ने मेरा / बड़ा साथ दिया है / बुरे दिनों में |
१११ - फूल तोडना / मना है बागीचे में / बाहर जाओ |
११२ - पूर्ण विजय / किसी की नहीं होती / न पराजय |
११३ - नाक में दम / करते रहो तुम / हिंदुस्तान के |
११४ - मरने तक / हम जीवित रहे / यही ईश्वर |
११५ - पैसा तो होती / बहुत बड़ी चीज़ / इतनी बड़ी |
११६ - मैं बीमार हूँ / प्रेम एक बीमारी / होती अगर |
११७ - नागरिक हूँ / मैं आप की तरह / आप की भाँति |
११८ - जो मिल जाए / वही खाद्य पदार्थ / शेष अखाद्य |
११९ - पा जाओगे तो / आनंद न आएगा / दूर से देखो |
१२० - बलात्कार में / भला क्या मज़ा आता / बेवकूफों को |
१२१ - पा जाओगे तो / खोना निश्चित जानो / रहो आनंद |
१२२ - भगवन तो / इंसान भरोसे है / तिस पर भी |
१२३ - खीजना नहीं / गुस्सा आना चाहिए / क्रोध -आक्रोश |
१२४ - मर जाये तो / शोक नहीं करना / पर मरे क्यों ?
१२५ - प्रश्न यह है / कि सवाल ही क्या है / झगड़ा क्यों है ?
१२६ - विज्ञापन था / आई डोंट केयर / बट शी डिड |
१२७ - ट्रेडमार्क है / फटी बनियाइन / नागरिक का |
१२८ - सब करके / देख लिया कुछ भी /बाक़ी नहीं है |
१२९ - गल्तियाँ हुई /क्योंकि मैं मनुष्य था / स्वाभाविक ही |
१३० - उद्देश्य जब / इंटरटेनमेंट / कुछ भी करो |
१३१ - तुम बहुत / सुंदर हो से हुआ /मामला शुरू |
१३२ - अपनी दवा / अपने मन से की / ठीक हूँगा क्या ?
१३३ - आई डू फील / आई फील सो मच / व्हेन यू से सो |
१३४ - वी आर आल / क्रिमिनल्स ऑफ़ द / सिचुएशन |
१३५ - सब ज़रूरी / सब काम ज़रूरी / जो कर पायें |
१३६ - न जिन्ना माने / न मीर वाएज़ / मानने वाले |
१३७ - शाह गिलानी / भी नहीं मानेंगे, क्या / जिन्ना माने थे ?
१३८ - कर रहे थे / फिजूल की बहस / कर रहे हैं |
१३९ - वफ़ा निभाना / संभव ही नहीं है / इस युग में
बहुत मुश्किल है / वडा निभाना
आग पर चलना / ज्यादा आसन |
१४० - निश्चय ही है / खाई बहुत बड़ी / मानना पड़ा
अमीर गरीब में / ज्यादा अंतर
कैसे पट पायेगा / नहीं मालूम |
१४१ - मुझे लगता / दिमाग है तो सही / औरों पर भी
केवल मेरे पास / केन्द्रित नहीं
दिमाग और भी हैं / देखते रहो |
१४२ - कोई पूछता / कि मैं क्या सोचता / मेरा जवाब ---
कुछ नहीं सोचता /कुछ सोचने
की मुझे चाह नहीं / जो होना होता
वह हो ही जाता है / फिर सोचने
न सोचने से मेरे / लाभ ही क्या है
सोचने की मुझको / ज़रुरत क्या !
१४३ - हम खुद ही / मूर्ख हैं तो किसी को / क्या मुर्ख कहें |
१४४ - उन्नत भाल / दकियानूसी है या / बुद्धिमत्ता कि |
१४५ - वाह री त्वचा / कितना क्रीम खाया / तो गोरी हुई |
१४६ - कुछ बातें तो / इनकार करो, कुछ / बातें मान लो |
१४७ - वह बैंक था / नीतू ने उसे घर / जैसा समझा |
१४८ - वहीँ कहीं है / मौत का उपादान / जांघों के बीच |
१४९ - काम देवता / मुझे न सता तू, जा / उनको सता |
१५० - कितनी मार / सहती है औरत / कई प्रकार |
१५१ - अपने दिन / हम कट रहे हैं / किसी तरह |
१५२ - सब जानते हैं / आप, और मैं कुछ / नहीं जानता |
१५३ - विचारक अहिं / पार्टी के अध्यक्ष जी / सबसे बड़े |
१५४ - सत्ता दल के / अध्यक्ष के आगे तो / प्लेटो क्या चीज़ ?
१५५ - जानकारी भी / लुकी छिपी होती है / काम ज्ञान की |
१५६ - दुखदायी है / मोह का परिणाम / अवश्यम्भावी |
१५७ - शादी एक हो / सम्बन्ध अनेक हों / खूब चलेगा |
१५८ - काटो तो खून / निकलता ही नहीं / ठगमारा हूँ |
१५९ - हे अत्याचारी / तुम जीते तो मैं भी / हारा नहीं हूँ |
१६० - राम भरोसे / भगवान भरोसे / दुनिया चले |
१६१- कहो आदमी / कविता है , मत कहो / कविता हुयी |
१६२ - बरसात में / नहीं जली माचिस / दिल तो जला |
१६३ - तुम्हारे हाथ / रौशनी का औज़ार [ की ताकत = torch ] / रोशनी [प्रकाश ] में मैं
१६४ - तब तक तू / बातों से काम चला / फिर आता हूँ / करूंगा न तेरे लिए / कुछ न कुछ |
१६५ - वह न होता / पता नहीं क्या होता / विज्ञानं होता / या कुछ न होता / जो होता , होता |
१६६ - खूब रुलाता / खुशी का अतिरेक / भी तो जानिये |
१६७ - क्या फायदा है / मुड़ने और फिर / मुड़ जाने से |
१६८ - खुश नहीं हूँ / खुशी छीन रहा हूँ / जबरदस्ती / जालिम जीवन से / बल पूर्वक |
१६९ - प्यार करना , / परवाह करना / फर्क बातें हैं |
१७० - मान्य तो कई / उनमे तुम श्रेष्ठ / मान्यवर हो |
१७१ - किसी प्रकार / गलत फहमी में / नहीं रहना |
१७२ - संपत्ति रहे / अपने पास , मुझे / पसंद नहीं |
१७३ - जब से लिया / किराए का मकान / बड़ा सुकून |
१७४ - नाम बड़े हैं / बैनर हों या ब्रांड / दर्शन थोड़े |
१७५ - ज्यादा नहीं तो / थोड़ा सा ही बदला / बदला तो है |
१७६ - पति या पत्नी / सब निभाते ही हैं / युग्म जीवन |
१७७ - किसी तरह / निकाला नौकरी को / पाला बच्चों को |
१७८ - कैसी भी होगी / विकत परिस्थिति / चलना होगा |
१७९ - सब ठीक है / ठीक कुछ भी नहीं / यही है हाल |
१८० - अन्दर कोई / ठोस तत्व हैं नहीं / ठहरें कैसे / ढुलमुलाते और / ठोकर खाते |
१८१ - न दिशा ज्ञान / न समय का पता / कहाँ पहुंचे |
१८२ - आखें खुली हों / कागज़ कलम हो / लिखता जाऊं |
१८३ - "नालायक हो " / मेरी प्रिय गाली है / सबके लिए |
१८४ - गाली स्वीकार / दुर्भावना रहित / मार मंजूर |
१८५ - पूरा आदर / देना चाहता हूँ मैं / अभिशापों को |
१८६ - शुद्धता लाओ / अपने व्यवहारों में / पूजा न करो |
१८७ - नादान ! तुझे कितना चाहिए बे / इस दुनिया से |
१८८ - मुझे कभी भी / संदेह नहीं रहा / मेरी बातों में |
१८९ - गलत नहीं / अपनों से मांगना / लेना या देना |
१९० - घृणा पोषित / दलित आन्दोलन / महिला मुक्ति |
१९१ - महापुरुष / महानता पाते हैं / सोच कर्म से |
१९२ - पीट रहे हैं / मूर्खता का धिन्धोरा / सारे ही नेता |
१९३ - ज्ञानी हो जाते / आजकल के बच्चे / पैदा होते ही |
१९४ - वर्चस्व होगा / किसी न किसी का तो / स्त्री या पुरुष |
१९५ - किसी का नहीं / मैं हो सका सिवाय / सत्य - न्याय के |
१९६ - घूम लीजिये / पहुंचना वहीं है / जहाँ से चले |
१९७ - गिरता जाता / तत्ती करते जाते / ट्रेन में लोग |
१९८ - हंटिंग गर्ल्स / इज एडवेंचर ! / नो ,डियर नो |
[ hunting girls / is adventure ! / no , dear no ]
१९९ - प्रोफेसनल हैं / चाहे जो पेशा करें / वेश्यावृत्ति भी |
२०० - शायद आप / ध्यान न दें , लेकिन / मैं कहता हूँ |
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