५ - हिंसात्मक मेरा मन
एक तब , जब रेलवे फाटक पर कर -मोटर सायकिलें दोनों तरफ से सड़क बंद कर देते हैं और गेट खुलने पर घंटों लग जाते हैं निकलने में |
दूसरे तब , जब मोटरसायकिल सवार फर्राटे से लहराते हुए सडकों पर चलते हैं |
तीसरे तब , जब चार व्यक्ति भी टिकट खिड़की पर खड़े हों और एक दूसरे पर लादे पड़ें |
४ - मैं अपने दुश्मन को किसी न किसी प्रकार पूर्व ही आगाह कर देता हूँ की मैं उसकी अदावती भावना को जान गया हूँ , जिससे वह मेरे व्यवहार की शिकायत न करने पाए और मेरी शिष्टाचारिता कलंकित न हो |
३ - बहुत छोटी चाह है की किताब छपे | बहुत बड़ी आकांक्षा है की किताब न छपे |
२ - पहले विषय ढूंढता था की लिखूं और अभ्यास करूँ | अब विषय ही विषय दिमाग में हैं , लिखने का समय नहीं है |सोचना पड़ता है किस पर लिखूं किस पर न लिखूं|
१ - - अजीब संवेदनशील आदमी हूँ मैं भी | जो बात किसी ने कही भी नहीं होती है ,उसका भी भला या बुरा असर मेरे ऊपर हो जाता है |अब इसे क्या कहेंगे ? [personal]
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