मंगलवार, 26 अक्टूबर 2010

Vichittra beejak

समय :  यह साफ़ होना चाहिए कि कश्मीर कश्मीर का है जिलानी का नहीं | और अरुंधती को धन्य मनाना चाहिए कि वह हिंदुस्तान में हैं |
*  यदि मै कोलकाता की सेवा कर रहा हूँ तो कोलकाता भी तो मुझे रोज़गार दे रहा है   !
*  पढाई के प्रमाणपत्र शिक्षा के कोई सुबूत नहीं हैं |
*    हिंदी वाले कहते हैं कि वे जो बोलते हैं ,वही लिखते हैं , लेकिन जब वे 'त' बोलते हैं तो वे "त "(हमारी तरह बंगला में ) लिखते क्यों नहीं ?
*    अच्छा हुआ जो दुनिया  हमारे कहने में नहीं हुयी !
*    बुरा मानने की बात नहीं है | सही है कि प्रेमचंद ने दीन- दुखियों कि हालत बहुत अच्छे ढंग से लिखी | लेकिन इससे क्या हुआ ? क्या तब से अब तक उनकी पीड़ा कुछ कम हुई ?
*    हिंदी फिल्म और सीरियल बनाने वाले या तो जनता को मूर्ख समझते हैं या उन्हें मूर्ख बनाते हैं  !
*    करवाचौथ क्या है ? नयी बेहतरीन साड़ी खरीदने और उसे पहनकर प्रदर्शित करने का बहाना |

कथातत्त्व :   - तुम मुझे इस तरह घूर क्यों रहे हो  ?
                     = मैं तुम्हें कहाँ , मैं तो सृष्टि  को निहार  रहा हूँ  ! #

कविता  :   *    भ्रम ही है
कि हाथ - रिक्शा अमानवीय है
और ऑटो रिक्शा --
मानवीय !   #

  *    उनकी याद आई
और मेरी
नींद टूट गयी   | #

*छोटी - छोटी जिंदगियां
इतनी बड़ी दुनिया चला रही हैं
कैसे ?
कि विश्वास नहीं होता
आश्चर्य होता है     |  #

*  अभी आपने देखी कहाँ
संबंधों की
लम्बाई चौड़ाई
ऊंचाई गहराई ,
अभी तक आपने प्यार को
इसके सतह पर देखा है
ऊपरी परत      |  #

*वह बूढ़ी थी
अब तक मर गयी होगी ,
अब मै बूढ़ा हो गया हूँ
तब तक मैं मर जाऊंगा  |  #
उवाच  :  *  पुरानी किताबों में वेश्यागमन को बुरा बताया गया है | कहीं ऐसा न हो कि यह इतना ऐसा न हो ,  इनकी अन्य बातों कि तरह !   #

*   अभिनेत्रियाँ  वेश्या हो पायें या नहीं , वेश्याएं गज़ब की अभिनेत्रियाँ  होती हैं   |   #  

*   वोट की राजनीति नहीं , राजनीति से वोट प्राप्त करो  |   #

*  " ट्यूशन " फीस तो स्कूल लेता है , मुझे ट्यूशन पढने बाहर जाना पड़ता है  |   #

हाइकु :        यहाँ चलेगी     /     सारी अराजकता     /    राज न कोई  
*    भूल जाओगे     /    ऐसे ही धीरे धीरे     /    सारा प्यार व्यार      |
*    पिस्तोल हो तो     /    गुस्सा आ ही जाता है     /    बन्दूक हो तो     |
*    यह आपकी     /    मानी हुयी बात है     /    यथार्थ नहीं     |
*    इससे ज्यादा     /    कानून हम नहीं     /    बघार पाते     |
*    आख़िरकार     /    गुण ही काम देगा     /    शृंगार नहीं     /    अनुपयुक्त होगा     /    रूपसि होना     |
*    बिलावजह     /    की वर्जिश है यह     /    नामबदल    |
*    एक ज़िन्दगी     /    किसी की भी ज़िन्दगी     /    ज़िन्दगी ही है      |
*    सेवा कर दूँ     /    कोई कहे मुझसे     /    कोई बोले तो     |
*    हर जगह     /    मजबूर आदमी     /    बच्चे  औरतें     |  

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