* यदि मै कोलकाता की सेवा कर रहा हूँ तो कोलकाता भी तो मुझे रोज़गार दे रहा है !
* पढाई के प्रमाणपत्र शिक्षा के कोई सुबूत नहीं हैं |
* हिंदी वाले कहते हैं कि वे जो बोलते हैं ,वही लिखते हैं , लेकिन जब वे 'त' बोलते हैं तो वे "त "(हमारी तरह बंगला में ) लिखते क्यों नहीं ?
* अच्छा हुआ जो दुनिया हमारे कहने में नहीं हुयी !
* बुरा मानने की बात नहीं है | सही है कि प्रेमचंद ने दीन- दुखियों कि हालत बहुत अच्छे ढंग से लिखी | लेकिन इससे क्या हुआ ? क्या तब से अब तक उनकी पीड़ा कुछ कम हुई ?
* हिंदी फिल्म और सीरियल बनाने वाले या तो जनता को मूर्ख समझते हैं या उन्हें मूर्ख बनाते हैं !
* करवाचौथ क्या है ? नयी बेहतरीन साड़ी खरीदने और उसे पहनकर प्रदर्शित करने का बहाना |
कथातत्त्व : - तुम मुझे इस तरह घूर क्यों रहे हो ?
= मैं तुम्हें कहाँ , मैं तो सृष्टि को निहार रहा हूँ ! #
कविता : * भ्रम ही है
कि हाथ - रिक्शा अमानवीय है
और ऑटो रिक्शा --
मानवीय ! #
* उनकी याद आई
और मेरी
नींद टूट गयी | #
*छोटी - छोटी जिंदगियां
इतनी बड़ी दुनिया चला रही हैं
कैसे ?
कि विश्वास नहीं होता
आश्चर्य होता है | #
* अभी आपने देखी कहाँ
संबंधों की
लम्बाई चौड़ाई
ऊंचाई गहराई ,
अभी तक आपने प्यार को
इसके सतह पर देखा है
ऊपरी परत | #
*वह बूढ़ी थी
अब तक मर गयी होगी ,
अब मै बूढ़ा हो गया हूँ
तब तक मैं मर जाऊंगा | #
उवाच : * पुरानी किताबों में वेश्यागमन को बुरा बताया गया है | कहीं ऐसा न हो कि यह इतना ऐसा न हो , इनकी अन्य बातों कि तरह ! #
* अभिनेत्रियाँ वेश्या हो पायें या नहीं , वेश्याएं गज़ब की अभिनेत्रियाँ होती हैं | #
* वोट की राजनीति नहीं , राजनीति से वोट प्राप्त करो | #
* " ट्यूशन " फीस तो स्कूल लेता है , मुझे ट्यूशन पढने बाहर जाना पड़ता है | #
हाइकु : यहाँ चलेगी / सारी अराजकता / राज न कोई
* भूल जाओगे / ऐसे ही धीरे धीरे / सारा प्यार व्यार |
* पिस्तोल हो तो / गुस्सा आ ही जाता है / बन्दूक हो तो |
* यह आपकी / मानी हुयी बात है / यथार्थ नहीं |
* इससे ज्यादा / कानून हम नहीं / बघार पाते |
* आख़िरकार / गुण ही काम देगा / शृंगार नहीं / अनुपयुक्त होगा / रूपसि होना |
* बिलावजह / की वर्जिश है यह / नामबदल |
* एक ज़िन्दगी / किसी की भी ज़िन्दगी / ज़िन्दगी ही है |
* सेवा कर दूँ / कोई कहे मुझसे / कोई बोले तो |
* हर जगह / मजबूर आदमी / बच्चे औरतें |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें