शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2010

औरत कुछ नहीं करती / स्पेक्ट्रम 4

४- आप  उन्हें   मारते  हो
आपके पास
इसके पीछे कुछ कारण हैं
कि वे आतंकवादी हैं ,
वे आतंकवादी हैं
इसके पीछे भी
कुछ तो कारण होगा
जैसे यही
कि वे शोषित - उपेक्षित हैं |
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३ - शेषनाग के फन पर
टिकी धरती
नाग ही सब
शेष रहेंगे क्या
धरती पर ?
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२ * सबके  स्पेक्ट्रम
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सबके अपने अपने स्पेक्ट्रम हैं
जीरो जी , वन जी , टू जी
पटवारी तो अब होते नहीं
तो उन्हें क्या कहें
भू-राजस्व  अधिकारी ,
ग्राम विकास अधिकारी से लेकर
वाया सीढ़ियाँ दर सीढ़ियाँ  .
अब शोषक अँगरेज़ तो रहे नहीं
तो उन्हें क्या कहें
सरकार के सभी स्वामी- सेवक
रक्षक - भक्षक ,
संतरी से मंतरी तक
व्यापारी कोटेदार ,इंजीनियर ,डाक्टर
अब किन किन का नाम लें
सभी के
अपने अपने स्पेक्ट्रम हैं
कोई नहीं  बचा
जो किसी का नाम ले |
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१ *  औरत कुछ नहीं करती 
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औरत अपनी इच्छा से पैदा नहीं होती
औरत अपनी मौत नहीं मरती |  
औरत स्वयं खेलने ,पढने नहीं जाती  
जब बाप कहता है तब ससुराल जाती है
जब पति कहता तब संतान जनती है
बॉस के मन का काम दफ्तर में करती 
डायरेक्टर के अनुसार  फिल्म में कपडे उतारती है
रैम्प पर चलती है
पुरुष की चाह पर बलात्कार का शिकार होती है |
वह अपने आप कुछ नहीं करती
उसे कोई दोष न दो लोगो |
वह अपने मन से पूजा -पाठ,
करवा चौथ का व्रत नहीं करती
वह पुरुष के लिए चूड़ियाँ पहनती है ,
पुरुष के नाते  ही  चूड़ियाँ तोडती है
पुत्री के विवाह के लिए जिंदा रहती है
पुत्र के सौभाग्य  के लिए अंतिम साँस लेती  है
औरत अपने आप कुछ तो नहीं करती |
वह अपने किसी कृत्य के लिए ज़िम्मेदार नहीं है  |

अब, वह जब कुछ करेगी ,तब   करेगी |
तब उसे कहना कुछ |
                                    # # पेज upside down

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