* सभी खाते है खाना * इतवार को हर काम से छुट्टी
सभी करते है टट्टी -पेशाब खाने -पीने से छुट्टी
सभी -सभी ,यही -यही , टट्टी फरागत से छुट्टी
वही -वही करते हैं , नहाने -धोने से फुर्सत
तब फिर क्यों पढ़ाई -लिखाई से निज़ात
कोई बन जाता है राजा अख़बार वाले की छुट्टी
कोई हो जाता है रंक ? घर में कामवाली , नौकर -चाकर
# # # माली -चौकीदार ,दुकानदारों की छुट्टी
* हाइकु * कहीं आने -जाने
सत्ता शक्ति है सब कल्पना सिनेमा -टी -वी देखने से छुट्टी
सत्ता एक व्यक्ति है सब बात सुहानी बच्चों की परवाह से छुट्टी
व्यक्ति की सत्ता . सच हो कभी . कहीं आने -जाने ,सोने जागने से छुट्टी
# # # # सब बातों से छुट्टी ,सांसों की छुट्टी ? #
* [याद आई कविता ]
बरसों से मैं पड़ा हूँ
इसी पशोपेश में ,
चन्दन कहाँ घिसूं
टीका कहाँ लगे !
* वह मुझसे नहीं कहता
कि मुझसे प्यार करो
. मैं खुद उससे
प्यार करता हूँ | #
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