७ - मैं ६५ वें वर्ष में चल रहा हूँ | मैं अपने मित्रों से , जो कवि -कथाकार - पत्रकार हैं , कई बार कह चुका हूँ कि वे मेरा कन्डोलेंस लिख लें और मुझसे दिखा लें , जिससे मैं उसे पढ़कर सम्पादित -संशोधित कर दूं | आखिर इतने दिनों तक ' प्रिय संपादक ' रहा हूँ |यह मुझे अच्छा न लगेगा कि उसमे कोई गलत बात या तथ्य चला जाय | लेकिन कोई भलामानुस उसे लिख ही नहीं रहा है | और तब तक , मैंने भी ठान रखी है कि, मैं मरूंगा नहीं |
६ - This instinct should be killed or fulfilled . [ambiguous]
५ - चलिए माँ - बाप का इसी कारण शुक्रिया अदा कर लें कि उन्होंने हमारे लिए एक घर - बार ,
कुछ धन - दौलत बना कर दिया !
४ - मुझे कहना तो नहीं चाहिए क्योंकि यह शिष्टाचार के खिलाफ है लेकिन सच
बताऊँ ,मुझे लगता है कि भाजपायीज़ हैव नो ब्रेन्स | हार्ट तो खैर नहीं ही है |
३ - हम गंभीर लेखन नहीं करते , लेकिन हमसे ज्यादा गंभीर लेखन कोई कर नहीं सकता |
२ - मुझे अक्सर लगता है कि मेरे सोचने में कुछ गलती है | शायद मृत्यु तलक ऐसा ही रहेगा |
१ - साधारण जीवन जीते हुए कुछ नाच लिया , गा लिया , रो लिया | कुछ कविता कर ली कुछ
कहानियां लिख लीं , कुछ साहित्य सृजन कर लिया , तो कौन सा तीर मार लिया ? कौन सा एहसान
कर दिया किसी पर ? मैं साधारण आदमी से इतर , अलग ,ऊंचा कैसे हो गया ? जाने कैसे लोग हो जाते हैं , उनकी वे जानें |
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