* No doubt sex is a fundamental human force, impulse or otherwise . फ्रायड की माने तो माता संतान का रिश्ता भी सेक्स से govern होता है | लेकिन इससे हमें बहुत बड़ा जीवन सूत्र मिलता है | उसका नाम सेक्स दें या पेक्स वह हमारे बीच भाई बहन , दोस्त दोस्त और तमाम जाने अनजाने रिश्ते तो देता है, जोड़ता है, बनाता है ? मेरे अन्यान्य मित्र जिन्हें मैंने कभी छुआ तक नहीं होगा , हाथ तक नहीं मिलाया पर वे कुछ दिन न मिलें तो व्यग्रता होती है | अर्थात सेक्स [मानव प्रेम का सम्बन्ध] किसी स्पर्श, किसी सहवास का मोहताज नहीं | वह वैसे भी काम करता है ,मनुष्य और मनुष्य के बीच प्रेम- मैत्री और मिलन की व्याकुलता प्रदान करने की भूमिका निभाता है | और यदि वह ऐसा करता है तो वह घृणित तो नहीं हो सकता, इसे पाप कहना मानवता के प्रति अपराध है | हम क्यों न इस शक्ति के लिए अपने कामदेव को नमन करें, उनकी प्रार्थना करें ?
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