शनिवार, 25 अगस्त 2012

7/8/2012


* पड़ गई है
लिखने की आदत
यही समझो |

* घर में करो
जातिवाद की बात 
बाहर नहीं |

* सिर्फ शादी है
जो जाति में होती है
अन्यथा नहीं |

* कौन जिद्दी है
यह भी तो देखिये
हम या आप ?

* कवि होने का
मतलब होता है
कुछ समझे ?

* मैं सेक्युलर
अपने तरीके से
तुम अपने |

* हाथी के दाँत
दिखाने के और हैं 
खाने के और |

* सीखना होगा
दुनिया में रहना
सबके साथ |

* अपठनीय
लिखता हूँ , स्वयं मैं
अपट नीय |

* शूद्र जो हूँ तो
शूद्रपन ही करूँ  
ज़रूरी नहीं |

 * बने कायस्थ
हैं अक्ल के दुश्मन
झूठे कहीं के !

* पढ़े लिखों से
अनपढ़ ही भले
अ - कुतार्किक |

* बढ़ रहा है
ईश्वर का प्रकोप
बे इन्तहाई |

* गाय होती हैं
हमारी तो औरतें
बाँध दी जातीं |

* जातियाँ नहीं
लाभार्थी समूह हैं
वे हैं , रहेंगी

* गुलामी गुलामी - कितने बंधन  ?
जहाँ देखो वहाँ गुलामी गुलामी , हाय कितने बंधन ? नारी बंधन, दलित बंधन, धर्म बंधन , राष्ट्र बंधन , कितने तो बंधन ! उधर पुराने लोग सदियों से चिल्ला रहे हैं कि यह जगती बंधन है - जगन्मिथ्या | लेकिन धरती को छोड़कर जायेंगे कहाँ ? मंगल गृह पर ? लेकिन शरीर तो रहेगा न साथ ? यह भी तो एक पिंजरा ही है आत्मा का | बंधन ही बंधन !
मन में है बंधन, अनुभूति है स्वतंत्रता | वरना , न कहीं गुलामी है, न कहीं है आज़ादी |     

* यदि हिन्दू शब्द किसी के द्वारा प्रदत्त एक अपशब्द है , तो उसे प्रचंड गालियों से विभूषित करने का नतीजा होता है उसकी प्रशंसा | जैसे Minus multiplied by Minus equals a PLUS. जो बहुत शरीफ सज्जन लोग हों वे इससे क्यों वास्ता रखें ? इस गोबर में क्या मुँह मार रहे हैं वे ? इसे हम कमीनों के लिए छोड़ दें |    To some Prachand at some group.

सत्या पार्टी [ The Truthful ]
5 - किसान के भूख से मरने पर उसके आजू - बाजू के पड़ोसी धरे जायंगे | इसलिए परिवारों के लिए वाजिब है कि वे थोडा इस्लाम से सीख लें और सोने से पहले अगल बगल पता कर लें कि कोई भूखा तो नहीं रह गया |
6 - भारतीय संविधान में भारत को सेकुलर के स्थान पर " गैर इस्लामी " राज्य घोषित किया जायगा |
7 - छद्म हिन्दू सांस्कृतिक समूहों पर सख्ती की जायगी, जैसा मुस्तफा कमाल पाशा ने इस्लामी राज्य तुर्की में किया | जिससे हिन्दू भारत पर विश्व के किसी भी कोने से लांछन न मिले | देश का शीश ऊँचा करने के लिए हिन्दू कौम को प्रगतिशील , वैज्ञानिक मस्तिष्क , आधुनिक एवं ऊर्जावान बनाने के प्रयास किये जायेंगे , क्योंकि ये अधिकाधिक संख्या में हैं | इनकी रूढ़िग्रस्तता पूरे देश को खोखला और बदनाम कर सकती है | इसलिए धर्म और संस्कृति में बड़े और व्यापक सुधार द्वारा देश का वैज्ञानिक विकास किया जायगा | इसे जात - पांत के दोष से एकदम मुक्त किया जायगा | अल्पसंख्यकों की सेवा एवं सुरक्षा अतिथियों की भाँति की जायगी |       
8 -  भारत की अधिकांश नीतियाँ गाँव से ली जायेगीं और गावों को दी जायंगी | लेकिन आधुनिक समता, सुग्राह्यता आदि कसौटियों पर चढ़ाने के बाद | प्रगति के लिए प्रकृति का विनाश नहीं होने दिया जायगा | नागरिकों में साधारण जीवन शैली का विकास किया जायगा, जिससे जनता के जीवन स्तर में फर्क को घटा कर कम से कम किया जा सके और देश की समृद्धि  का फल सबको लगभग बराबर से मिल सके | हम अंधाधुंध विकास और आधुनिकता की चकाचौंध पर अन्धविश्वास के चक्कर में देश को नहीं पड़ने देंगे
9 - राज्य की भूमिका को समाज में न्यूनतम की जायगी | बहुत आवश्यक कामों में ही राज्य हस्तक्षेप करे , ऐसी कोशिश होगी | तथापि राज्य एक शिक्षण - उत्प्रेरण की ज़िम्मेदारी अवश्य निभाएगी | आवश्यकता होने पर राज्य सशक्त हस्तक्षेप करेगा | यह किसी को संदेह न हो की राज्य सर्वोच्च स्थिति में होगा क्योंकि इसे जनमत का बल प्राप्त होगा |
10 - धर्म केवल मूल्य और नैतिकता क्र रूप में स्थान पाएँगे मानव कल्याण के निमित्त, लेकिन इनके संगठनो की कोई मान्यता नहीं होगी | धार्मिक एवं धर्म सम्बन्धी नीतियाँ भी राज्य निर्मित करेगा और उसे दृढ़ता से स्थापित करेगा | धर्म और राज्य में कोई अंतर नहीं होगा | राज्य ही धर्म होगा और व्यक्तिगत आस्थाएँ व्यक्ति के अन्दर सीमित रखीं जायँगी | केवल वैज्ञानिक विचारों का आदर किया जायगा | जनगणना में व्यक्ति का धर्म नहीं पूछा जायगा |
11 -          
जनाकांक्षा दल - Peoples  Will  Party
शासक वर्ग - Ruling Class
Drafting Committee    
मुंशी पार्टी
Note - Base Point No.1 needs modification . Any suggestions ? This is regarding membership . 7/8/12  

* हर पार्टी , हर संगठन , प्रत्येक आन्दोलन युवा लोगों पर बड़ा विश्वास जताता दिखता है | लेकिन मैं तो जिस तरह लड़के लड़कियों को हाथ में हाथ डाले देखता हूँ तो लगता है यदि ये एक दूसरे के सहारे न चलें तो सड़क पर भन्हराकर गिर पड़ें | इनसे देश क्या संभलेगा

जब कोई तुम्हारी जाति पूछे , तो तुम उसी से उसकी जाति पूछ लो | फिर बता दो - इसी जाति के हम भी हैं |

* किसी को गुरु न मानो, लेकिन गुरु सबके बन जाओ | यही नीति चल रही है युवा शिक्षित संसार में !
* गुरु न मानो
गुरु बन तो जाओ
क्या दिक्कत है ?

* मुझे हक है
तुमको - उनको भी
भ्रष्ट होने का |

* सकारात्मक [ Positive ] सोचिये | यदि ब्राह्मणों ने आपके साथ इतना छुआछूत न बरता होता तो आज आप इतना विशेषाधिकार , आरक्षण कैसे पाते ?

* क्या आप गौर कर रहे हैं कि सेकुलर लोगों में भी एकता नहीं है ? उनमे भी भिन्न भिन्न मत हैं , एक दूसरे के विपरीत भी | बिलकुल धर्मों की तरह , जिनके विरोध में वे हैं !

* यह तो कहिये पुरुष कुछ लिहाज़ कर रहे हैं , खुलकर नहीं बोलते और औरतों से बराबरी की बहस नहीं करते , वर्ना औरतों को पता चल जाता उनके पुरुष साथी सचमुच उनके बारे में क्या सोचते हैं | इसी तरह दलितों के समर्थक सवर्ण साथी भी उनकी बातों का शिष्टाचार या मित्रता वश उचित जवाब नहीं देते |  

* इसमें औरत मर्द की बात नहीं है | यदि किसी औरत की हत्या हुई है तो पुलिस उसकी जाँच करेगी , पक्ष या निष्पक्ष | किसी पुरुष की हत्या हुई होती तो भी वह ऐसा ही करती | यदि अपराधी ऊँची पहुँच का होता तो चाहे उसने स्त्री मारी होती चाहे मर्द , वह बच जाता | इसमें विभेद की बात कहाँ से आ गई जो औरतें और औरतवादी मर्द हाय ! औरत मारी गयी चिल्ला रहे हैं ? यदि समानता के स्तर पर हो तो उस स्थिति में तो तुम मर्द हो , मर्द के मुकाबले में हो | तो फिर मर्दों की तरह झेलो , क्या औरतों की तरह आँसूओं की लड़ियाँ बहा रही हो ? या तो फिर औरत बनी रहो, और मर्दों से सुरक्षा माँगो | लेकिन तब तो भाई की कलाई में राखी बाँधने की परम्परा में भी गुलामी के दर्शन होने लगते हैं ! भाई एक बात पर रहो | बराबर रहो तो बराबरी के परिणाम भी भुगतो , अपनी सुरक्षा के प्रबंध करो , उसकी ज़िम्मेदारी लो ,मेरोकोम की तरह ग्लोव्स पहनो | अपनी असुरक्षा के लिए अपनी औरताना न चिल्लाओ | या तो फिर औरत - मर्द का भेद स्वीकार करो |  

* एक अच्छी पिक्चर लगी थी , तब जेब में पैसे नहीं थे  | अब पेंसन आ गया तो पिक्चर ही उतर गई |

* ब्रह्महत्या का पाप लग रहा है दलितों पर जो इतनी सुविधा मिलने पर भी आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं | ब्राह्मणों के पैर न पूजें , पर उन पर गालियों की बौछार करना बंद कर दें | फिर देखें , दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होती है या नहीं ?

* यह क्यों न मालूम किया जाये की जब यदुवंशी श्री कृष्ण समेत द्वापर युग में महाभारत के पश्चात् ही समाप्त हो गए थे , तो यह कौन यादव परिवार है जो अपने कुनबे के साथ उत्तर प्रदेश पर राज्य कर रहा है ?  

[कविता ]   बहादुर औरतें 

* बहादुर महिलाएँ
पहले जोरसे चिल्लाती हैं -
बचाओ ओ ओ  - - ,
इसे सुनकर यदि कोई पुरुष 
पास चला जाये 
तो जोर से झिड़कती हैं -
तू क्यों आया रे ए ए - - 
मैं क्या अपनी 
रक्षा नहीं कर सकती ?
आया है मुझे बचाने  -   
मुझे बहादुरी दिखाने     
मुझे फँसाने  |
======================== 7/8/2012 ===================================

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें