शनिवार, 25 अगस्त 2012

20-05-2012


[बदमाश चिंतन]
आत्मा उसको कहते हैं जिसमें मनुष्य का मन बहुत रमता हो | अतः मैं विश्वासपूर्वक,निश्चयपूर्वक कह सकता हूँ कि मनुष्य में आत्मा है और वह उसकी टाँगों के बीच में अवस्थित है |
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[उवाच] - देश की सीमा
आप देश की सीमा की बात कर रहे हो , यहाँ एक-एक संस्थान,गृह समिति , सुपर बाज़ार , के परिसरों की सुरक्षा भी चुस्त - दुरुस्त रहती है | #
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Plan = Thoughtless Productions  By u.n.nagrik
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कविता - [बलात्कारी]
पता नहीं क्या
मरे जाते हैं बलात्कारी
दो इंच ज़मीन के लिए ,
फ़िज़ूल बदनाम करते हैं
पुरुष और पौरुष को 
हासिल कुछ नहीं होता
देश के चेहरे पर कालिख पोतते हैं
बलात्कारी |
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कथानक :- नया बाबा
उसने अपने शिष्यों को सुझाया कि मंदिर जाना छोड़ दो ,पूजा -पाठ छोड़ दो | ईश्वर चाहेगा तो सब ठीक हो जायगा| ( निर्धन बाबा)
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कथानक :- काजू भरा पलेट में 
* खालिस काजू नहीं , काजू वाला नमकीन था प्लेटों में जो मेहमानों को दिए गए | कुछ ने केवल काजू बीन बीन कर खाए और नमकीन छोड़ दिया | वे सब अभी थोड़ी देर ही पहले काफी कुछ खा चुके थे | लेकिन कथा नायक ने केवल कुछ नमकीन खाया और काजू सारा ही छोड़ दिया | लोगों को यह अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त था की वह टुच्चा भुक्खड़ नहीं , एक खानदानी सुसंस्कृत मेहमान है | उसका अपना तो बस यही कहना था कि काजू गरिष्ठ हो जाता | 23/5/12
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हाइकु कविता [इस विधा में तीन लाइनों में ५-७-५ अक्षर संयोजित किये जाते हैं]
१ - कोई ट्रेन हो
आदमी भरे पड़े
उप - डाउन |

२ - मुंह मोड़ लो
इस आकर्षण से
कुफलदायी |

३ - पैसे लेकर
हार गए हम तो
जीवन - मैच |

४ - घूम घूम के
बुद्धू लौट करके
घर को आये |

५ - तोड़ पाओ तो
तोड़ दो , न टूटे तो
जान मत दो |

६ - टूट पाए तो
तोड़ दो , न टूटे तो
रहने ही दो ,
परम्पराएं
ज़िन्दगी के तमाम
रीति - रिवाज़ |
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कविताएँ :
- बच्चे जैसे जैसे 
बड़े होते जाते हैं ,
मैं बूढ़ा होता जाता हूँ |

- इसी कारण 
सदा मैं काम 
जोखम के उठता हूँ ,
कि आखिर मौत को भी तो 
बहाना चाहिए कोई ! 

- इसके चलते मैं युगों से 
इस कदर हैरान हूँ ,
किसने मेरे सर पे रखा 
बुद्धि का जलता दिया ?

- इसी से वक्त मुझको देख 
इतना तेज़ भगता है ,
कहीं यह आदमी 
मुझसे भी न 
आगे निकल जाये ! 

- सब स्वयं अच्छे हों 
यह तो बहुत अच्छा है 
लेकिन यह पर्याप्त नहीं ,
सबके ऊपर सब 
नज़र भी रखें 
जिससे आदमी 
बिगड़ने न पाए ,
ताला दोनों तरफ से हो 
वह ज्यादा अच्छा है |

6 - Whom  I  loved 
Means , whom  I  kissed ,
Or , who  kissed  me .
23/5/12
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[उवाच]
अव्यवस्थाएँ भी बड़े व्यवस्थित ढंग से पैदा की जाती हैं ।
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कविता :- समय प्रवाह 

- " ज़माने की धार को 
हम रोक नहीं सकते |"
- क्या मतलब ? क्या 
उसका प्रवाह  इतना ऊपर से
इतना नीचे की ओर है
जो इतनी तेज़ है ?
- हाँ , शायद !
या ऊपर - नीचे का प्रश्न नहीं 
बस पहाड़ से 
समतल धरती की ओरे है |
हम इसके प्रवाह को रोक नहीं सकते | #
23/5/12
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कविता  :-
मुझसे  / 
प्रार्थना  करने  को  /
कहा  गया  था  / 
मैं  प्रयास  करने  लगा  |
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कनितानुमा-
यदि आप
अपने कमरे में बंद हैं
तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
कि आप का फ्लैट किस मंजिल पर है,
तनिक नीचे झाँकिए
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कीर्ति  आज़ाद ठीक कहते हैं | आइ पी एल खेल के नाम पर अपराध और व्यापार का घिनौना खेल चलता है | ये देशों कि टीमें नहीं , व्यवसायियों की अंतरराष्ट्रीय दुकानें हैं | ऐसे आइ पी एल को बंद होना ही चाहिए |21/5/12
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कविता -
सवेरा हो गया है , अब जागो 
अँधेरा खो गया है , अब जागो ;
अब जो जागो तो आँख से ही नहीं 
चेतना के उफान से जागो |  21/5/12
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क्या अब भी आप लोग यह नहीं मानेंगे , कि देश को एक सशक्त क्रिकेटपाल की ज़रूरत है ।
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कविताएँ - २०//१२
- साहेब और सहिबाइन तो चले गए 
सांस्कृतिक कार्यक्रम में ,
गाड़ी में बैठे , उनका इन्तज़ार करते
ड्राइवर और चपरासी ने     
क्या देखा ? #

- वही एक स्टेज
कभी  जंगल , कभी पहाड़ ,
कभी नाचघर का रूप लेता ,
कभी अट्टालिका
कभी गरीब का घर बनता 
सब एक यही स्टेज 
कई पात्र , सब अपने - अपने निर्देशक 
अपना संवाद बोलते ,
भूमिका निभाते ! #
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योजना -[संस्था]
- नया विश्वास [ A Faith in Democracy]  & / or
- सांस्कृतिक सरोकार [सांस] / सांस्कृतिक सरोकार दल [ सांसद ]
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ताड़न के अधिकारी
हर चीज़ का एक स्थान होता है , और वह वहीँ शोभा देता है | सिन्दूर को माँग की बजाय औरत यदि नाक पर लगा ले तो वह हास्यास्पद ही लगेगी | अब मान लीजिये हम तय करें कि छात्रों को धर्मग्रंथों के अंश पढ़ाए जायं , तो क्या हमारे विशेषज्ञ  राम चरित मानस का वह अंश पाठ्य पुस्तक में डाल दें  कि :- " ढोल गवांर शूद्र पशु नारी , ये सब ताड़न के अधिकारी |  " और यदि हम कुछ बोल दें , एतराज़ कर दें तो हमसे कहा जायगा - "चुप रहो, यह गोस्वामी की अभिव्यक्ति और काव्य -कला और साहित्यकार की स्वतंत्रता  का प्रश्न है , ? " | मित्र बताएँ क्या मैं संकुचित जातिवादी धारणा से ग्रस्त हूँ ? 20/5/12
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