* ज़िन्दगी भर
नाचना ही नाचना
नाचता तो हूँ !
* याद आ गया
उसने ही तो कहा था -
लहना सिंह -- !
* कहीं भी अब
मिलने की जगह
असुरक्षित |
* प्यास बुझाता
पनघट तो प्यासा
किसको चिंता !
* माने ही नहीं
मेरे निवेदन को
वे चले गए ,
अब क्या करूँ
जब नहीं रुके तो
क्या जान दे दूँ ?
नाचना ही नाचना
नाचता तो हूँ !
* याद आ गया
उसने ही तो कहा था -
लहना सिंह -- !
* कहीं भी अब
मिलने की जगह
असुरक्षित |
* प्यास बुझाता
पनघट तो प्यासा
किसको चिंता !
* माने ही नहीं
मेरे निवेदन को
वे चले गए ,
अब क्या करूँ
जब नहीं रुके तो
क्या जान दे दूँ ?
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