गुरुवार, 19 जुलाई 2012

लिखते तो हैं


* मानें न मानें
मैं अच्छा लिखता हूँ
गौर तो करें !

* अच्छा आदमी
मुझे नहीं लगता
किंचित मैं हूँ |

* जा रहे लोग
दुनिया बदलने
मैं कहाँ जाऊँ ?

* किसी के पास
अपने विचार हों
दिखता नहीं |

* बाप गरीब
तो उसका साथ दो
माँ बीमार |

* अब इसमें
मेरी क्या गलती 
जो कुछ हुआ ?

* वैसा नहीं है
कविता बताती है
जैसा आदमी |

* किसे फिक्र है
निज सुख के आगे
पीर पराई?

* मिलती जाए
लेती जाओ आज़ादी
धैर्य न खोओ |

* सुख में सुखी 
अतिशय न होना
दुःख में दुखी |

* बहस नहीं
बस हाँ हूँ कहना
वहाँ जाकर |

* करो कुछ भी
आगा - पीछा तो सोच
ज़रूर लेना |

* लिखते तो हैं 
पर नागरिक जी 
पढ़ते नहीं |

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