बुधवार, 4 जुलाई 2012

barish mubaraq-5/7/12


अरे !
बारिश हो रही है ,
छज्जे पर मैनें
तुम्हारे लिए
आँखें बिछा रखी थीं ,
देखो , कहीं
भीग तो नहीं गयीं !
{savan ki pahli barish mubaraq-5/7/12}

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