बुधवार, 20 जून 2012

कथनानुसार


१ - बीस रुपया रोज़ पाने वाले गरीब विधायक -सांसद बनें यह तो संभव नहीं है , लेकिन मेरी आकांछा आकांक्षा है कि सांसद - विधायक बीस रुपया रोज़  वेतन लें |
२ - अजीब बात है कि असली 'व्यक्ति' का उदय तब होता है जब उसका नकली ' व्यक्ति ' तिरोहित हो जाता है |
३ - यदि हिंदुस्तान को तरक्की तो क्या , जिंदा भी रहना होगा तो उसे यह भूलना होगा कि कोई व्यक्ति मात्र पैदा होने से छोटा या बड़ा होता है |
४ - किसी के कहने से नहीं , जब मेरी नानी मरीं , तब मुझे विशवास हो गया हम सबको , सारे मनुष्यों को मरना होगा |
५ - बूढ़ों को भी अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए |
६ - ' आम आदमी ' वह है जिसे अपने आम ज़रुरत के कार्यों के लिए नौकर , मजदूर न लगाना पड़े |
७ - ईश्वर को delete  मत करो तो उसे recycle bin में तो डाल ही दो |
८ - मैं स्वर्ग को न तो जानता हूँ न मानता हूँ , लेकिन यदि कहीं स्वर्ग हुआ और उसमे मुझे जाना ही पड़ा , तो चला जाऊँगा |
९ - ईश्वर को छोड़ अपने ' आदमी ' की शरण में आइये |
१० - बड़ी ज़िम्मेदारियाँ उतनी ही बड़ी नैतिक ऊँचाइयों के साथ निभाई जानी चाहिए |
११ - जो अपने आपको बहुत बुद्धिमान समझते हैं , वे सबसे अधिक मूर्ख होते हैं |
१२ -  The world is made up of ‘differences’ . Once you forget it , you will  be in a candid tension .

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