[कविता] = सामूहिक
सामूहिक बलात्कार !
सामूहिक भ्रष्टाचार ,
सामूहिक स्वीकार ,
सामूहिक शवदाह [mass burial ]
क्या यही है नियति
मनुष्य की सामूहिकता की ?
सामूहिक आत्मदाह ,
सामूहिक आत्महत्या ,
सामूहिक सर्वनाश ?
सामूहिक बलात्कार !
सामूहिक भ्रष्टाचार ,
सामूहिक स्वीकार ,
सामूहिक शवदाह [mass burial ]
क्या यही है नियति
मनुष्य की सामूहिकता की ?
सामूहिक आत्मदाह ,
सामूहिक आत्महत्या ,
सामूहिक सर्वनाश ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें