रविवार, 10 जून 2012

घूस का पैसा


Gon-zo -
१- -[बदमाश चिंतन ] घूस का पैसा यदि अकेले रख लिया जाय तो वह व्यक्तिवाद है | यदि उसे मिल - बाँट कर खाया जाय तो उसे समाजवाद कहते हैं |
२ - लड़के ने लड़की से कहा आखिर किसी के प्रति तो आकर्षित होगी ही , तो मुझमे ही क्या बुराई है ?
३ - [कथा स्वरुप ] इधर साल भर से मेरा कोलकाता से दिल्ली राजधानी एक्स. से कई बार जाना हुआ | उसके कुछ सेवा कर्मी मेरी पहचान में हो गए हैं | इस बार मई में देखा तो कई कर्मचारी नदारद थे | पूछने पर पता चला कि तमाम रसोइये और वेटर उ.प्र. के जेलों में बुला लिए गए हैं, कैदियों को उच्च श्रेणी की सेवा प्रदान करने के लिए |
४ - गजगामिनी /ज्ञानगामिनी - माधुरी दीक्षित पर बनाये गए चित्रों को हुसैन ने गजगामिनी नाम दिया था| वह बड़े कलाकार थे , वह उनके और माधुरी के बीच का मामला था | लेकिन हम देख सकते हैं कि आज की प्रबुद्ध महिलाएं जब चलती / बोलती हैं,तो ज्ञान छलक -छलक कर बाहर गिरता रहता है |
५ - कुछ तो विशेषाधिकार [priviledge] अवश्य मिलता दिख रहा है | दलित और महिला रचनाकारों की किताबें प्रकाशक टप से उठा लेते हैं छापने के लिए | हम लोग रिरियाते रहते हैं पर हमें वे घास नहीं डालते |
६ - विद्वान कुछ भी कहें पर शिक्षा तो मुझे मूलतः conditioning की ही प्रणाली दिखती है | जैसे मान लीजिये हमें बच्चों को दिशा की शिक्षा देनी है तो हम उन्हें उत्तर की और मुंह करका खड़ा कर देंगें और निश्चयपूर्वक बतायेंगे कि बच्चो ! तुम्हारे सामने की दिशा उत्तर कहलाती है , तुम्हारे दायें हाथ की और पूरब , बाएं हाथ की ओर पश्चिम और पीछे की दिशा दक्षिण है | अब इसमें तर्क और reasoning और प्रश्न की क्या गुंजाईश है ?    

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