बुधवार, 20 जून 2012

हिंदुस्तान - पाकिस्तान एक करो

अभी समय है हिंदुस्तान पाकिस्तान एक करो चाहें जरदारी को भारत का राष्ट्रपति बना दो दोनों देशो की समस्याएँ परेशानियाँ एक हैं अंदरूनी भी बाहरी  भी  कहने दीजिये किसी को जब बिल्कुल ठीक से बँटवारा नहीं हुआ हो ही नहीं सकता था कि सारे हिन्दू हिंदुस्तान  में सारे मुस्लिम पाकिस्तान में तो फिर यह माना जाना चाहिए कि दोनों का रहन सहन संस्कृति एक ही है और जो नहीं है तो भी वे अपनी अपनी मान्यताओं के साथ एक साथ सदियों से रहते आये हैं इन्हें एक साथ रहने का पूरा अनुभव अभ्यास है यह काम जितना जल्दी हो जाय उतना अच्छा भारतीय मानस इस बँटवारे को स्वीकार नहीं कर पाया है न कभी इसे पचा पायेगा यदि ऐसा न हुआ तो पाकिस्तान में हिन्दुओं की दशा अच्छी नहीं होगी है भी नहीं उसी प्रकार भारत में मुसलमान भी ढंग से नहीं रहने पायेंगे चाहें सच्चर कमेटी लागू कर लीजिये चाहें आठ प्रतिशत आरक्षण कैसे भूल जायेगा हिंदुस्तान जिन्ना की बात कि हम अलग हैं और एक साथ नहीं रह सकते और इसे पाकिस्तान ने अपने यहाँ हिन्दुओं के साथ वही व्यवहार करके दिखा भी दिया यदि जिन्ना की बात गलत करनी है ,अल्लामा इकबाल का कौमी तराना यदि सही ठहराना हो तो फिर एक होकर दिखाओ | अब इससे कोई लाभ नहीं कि बँटवारे में जिन्ना - -इकबाल का दोष ज्यादा था या गाँधी नेहरु का | एक होने पर सारा मलाल मिट जायेगा | यह तो तय है कि  जनता का तो कोई दोष नहीं था उसने बहुत सह ली बँटवारे की त्रासदी अब वह एक होना चाहती है ऐसी राजनीतिक इच्छा [Political Will ] जिसके पास हो वह अब अगले चुनाव में उतरे शेष तो लफ्फाजी बहुत हो चुकी |

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