सोमवार, 25 जून 2012

गेहूँ के साथ



१ - खूब लगाता
मन नहीं लगता
लेकिन यहाँ |

२ - ख़ैर मनायेगी
कब तक बकरी
बकरे की माँ ?

३ - साथ निभाया
जहाँ तक हो सका
नहीं तो नहीं |

४ - पछ्ताऊँगा
पछताना तो मुझे
होगा ही होगा
हर हाल में
मैं जीतूँ या हारूँ
इस जंग में |

५ - बुरा लगता
औरतों का सजना
भला क्यों मुझे ?

६ - इतना बड़ा
कठोर कालखण्ड
बड़ा सताता |

७ - क्या - क्या होता है
यवनिका के पृष्ठ ( पीछे )
तुम क्या जानो ?

८ - गेहूँ के साथ
घुन भी पिस गया
यही समझो |

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