सोमवार, 20 अप्रैल 2020

हाथ में हाथ

धार्मिकों की जब आलोचना करो तो वह अपने धर्म पर और दृढ़ आरूढ़ हो जाते हैं । खूंटा कसकर पकड़ लेते हैं । उन्हें छेड़ो नहीं तो वह हाथ ढीले रखते हैं ।
इसलिए मैं उन्हें छेड़ता नहीं । जब उनके हाथ ढीले होते हैं, उन हाथों को अपने हाथ में ले लेता हूँ ।

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