शनिवार, 25 अप्रैल 2020

दलित एक्टिविस्ट

मैं मूलतः Dalit Activist हूँ ।
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अब आपको असली बात बताता हूँ ।
दरअसल नास्तिकता की मेरी Policy mature हो गयी है । बार बार मन की कम्पनी से नोटिस मिल रही थी । ADMI (Atheist Democratic Minority of India) Group में सदस्यों की संख्या डेढ़ लाख ? मज़ा आ गया । मोदी की भाषा में मेरा भी वक्ष 56 के करीब है । साथियों को हार्दिक बधाई!💐
पर कोरोना period में मुझे group से physical distancing करनी पड़ी । कोरन्टीन हेतु अपने मूल निवास में आ गया । मैं मूलतः दलित activist हूँ । उन्हीं की दशा और मानवता के अगाध प्रेमवश मैं पक्का, यहाँ तक कि कटु, cantankerous atheist हुआ । मेरा वह मुकाम पक्का हुआ । अब कोई भय नहीं कि मुझे कोई डिगा दे ।
तो Humanism, Radical Humanism के रास्ते, सैद्धांतिक राजनीति में रुचि के नाते खुद को सेक्युलरवाद के काम में संलग्न हो गया  । Secular Register (fb group) । इसमें एक राज्य की हैसियत से सबका ख़्याल रखना पड़ता है । ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है (नास्तिकता में तो उग्रता, उद्दंडता चल जाती थी)!
लेकिन वह, Secularism तो राज्य का विषय है और उसकी बागडोर मेरे हाथ नहीं । तो अपने मूल कार्य क्षेत्र में खेती कर रहा हूँ । (संस्कृति चित्त भूमि की खेती है - - आचार्य नरेंद्र देव)।
और किसी भी मानववादी के कार्य तो जग विख्यात है - विवेकानंद दरिद्र नारायण का नाम बताते हैं, तो गांधी अपने चिंतन में अंतिम व्यक्ति का ध्यान करने को । बस यही मेरा ध्यान, अध्यात्म, मनोयोग है ।
अब बस दो एक बातें clear करनी हैं। बात क्या मनोयुद्ध का लेखा जोखा/ progress report अपने मालिक मित्रों के सामने ।
 सच, लगा तो यह रहा है कि जयभीम हमारा बहुत भला न कर पायेगा, व्यक्ति पूजा पर ठहर जाएगा । दलित आस्तिकता और अंधविश्वास से भी नहीं उबर रहे हैं, न समाजवाद की वैज्ञानिक धारा मार्क्सवाद में उनका नेतृत्व रुचि नहीं लेने दे रहा है, बल्कि उनसे द्वंद्व में है। भले मैं कम्युनिस्टों से झगड़ा कर रहा हूँ कि इन्हें सर्वहारा, prolitariat मानो , लेकिन उनकी भी वाजिब दिक्कत है और दलित वामपंथ के सुयोग्य नहीं बन रहे हैं । फिर भी हम इन्हें साथ तो देंगे ही । तो जयभीम को लालभीम बनाने की चेष्टा है। इन्हें हमारे वामपंथ की ओर लाना तो है । Communism is the only way । तो हमने भी इनके अम्बेडकरी बौद्ध धर्म में strategically आना स्वीकार किया । (कुछ मजबूरन, कुछ मसलहतन)। प्रेम बड़ा adjustment, नमनीयता माँगता है। इसी प्रकार हम इन्हें नास्तिकता और अनास्तिक नैतिकता से परिचित करा सकेंगे, इनके साथ रह, घुलमिलकर, ऐसी उम्मीद है । और साम्य, वाम राजनीति सीखने के लिए इस अदना एकलव्य ने एक मार्क्सवादी कल्पित शिक्षक भी Tuition पर लगा लिया है ☺️। दलितोयवस्की (fb group) ! जिससे शायद इनकी कम्युनिस्ट पार्टी बन सके, या वर्ग संघर्ष में शिरकत कर सकें। उसी में हमारा भी भला है । सोचा यही है , बाकी भूल चूक लेनी देनी ।☺️👍
अब बस । कक्षाएँ चल रही हैं online, जिसके हम आप सभी भागीदार, तालिबे-इल्म हैं (चीन जाना नहीं सम्भव)! ☺️ लालभीमबुद्धायसलाम ! 💐
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-- उग्रनाथ @ CCA, (Communist Culture in India)

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