शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

बहस

युवावस्था में वैचारिक तीब्रता थी, तब मित्र से बहस में डर नहीं लगता था ।
अब बहस से डरता हूँ कहीं मित्र खो न जाएँ ।

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