शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

सोचना पड़ेगा [ points to ponder ]

४ -
-  आदमी मंदिर , मस्जिद , मूर्तियाँ बनाता  रहेगा | तब तक ,जब तक ,या तो उसे इनसे संतोष हो जाए ,या फिर वह इनसे ऊब जाए | अब यहाँ बीच में यह न टपकियेगा कि मस्जिदें मूर्तियाँ नहीं हैं !
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२ - प्रश्न  = सावरकर क्यों सफल नहीं हुए , जिन्ना क्यों सफल हो गए ? ?
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३ - आपको एक जीवन मिला है  | ध्यान दीजियेगा , मैंने जी ..व ...न ..कहा है !
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