शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

गलतबयानी 11



११  - लोकतंत्र को ही आधार बना लीजिये  | यदि भारत का हिन्दू किसी मुसलमान को वोट न दे तो हम आप उसका क्या कर लेंगे ? जिस प्रकार पाकिस्तान में कोई मुसलमान किसी हिन्दू को वोट नहीं देता |

१०   --छिनाल होना स्त्री का जन्मसिद्ध अधिकार है ,और छिछोरा होना पुरुष का |

९ - धन्यवाद कहना होगा चोरों को जिनकी वजह से ताला आविष्कार में आया , और इसका व्यवसाय बढ़ा |

८ -वैसे तो इसमें  मेरी काबिलियत ही नहीं है,   लेकिन मैं सोचता हूँ की यदि मुझे लिखना आ भी जाए तो भी मैं क्रांतिकारी गाने न लिखूं | कारण यह है कि इन गानों का दुरूपयोग कथित क्रांतिकारी लोग बहुत करते हैं | वे क्रान्ति तो कर नहीं पाते या करना चाहते नहीं या करने कि क्षमता नहीं रखते , बस गला फाड़कर , ढपली बजाकर , नाच - गा कर
क्रान्ति के  दंभ में चकनाचूर होकर क्रान्ति कर्म की बड़ी क्षति करते हैं |

७ -  " एम. ए.  तो हैं ही | बस बीच में एल लग जाय तो एम. एल.ए. हो जांय   ! " 
या  फिर  भोपाल  गैस  कांड  की  बरसी  पर  जिसमे  भी  चार  छः  लोग  मरे  थे  , मुसलमानों  में  कोई  हलचल  नहीं  दिखाई  पड़ती , जब  की  6 दिस. बाबरी  बरसी  पर  वे  पूरे  देश  को  पुलिस  की  तैनाती  से  लबरेज़  कर  देते  हैं  ? इस  दुर्घटना  में  तो   कोई  मुसलमान  मरा  भी  नहीं  था  | बाबरी  मस्जिद  कोई  हिन्दुओं  का  सोमनाथ  मंदिर  जैसा   हो  गया क्या  ? हिन्दू  तो  चलिए  मूर्तिपूजा  के  लिए  चिर  –अपमानित  हैं , मुसलमान  कब  से  मूर्तिपूजक  हो  गए  ? क्या  उन  पर  भी  हिन्दुओं  का  भूत  सवार  हो  गया  ? क्या  वे  मुसलमान  नहीं  रह  गए  ?  मुसलमान  सामान्य  नागरिकता  में  क्यों  नहीं  आते  यह  दुखदायी  प्रश्न  है  |
 ६ - गंभीर  प्रश्न   
क्या  कारण  है  की  १९८४  के  दंगों  की  बरसी  पर  जिसमे  दो -  चार  लोग  मरे  थे  ,

५ - परधानों  की  एक  पचायत  ने  लड़कियों  को  मोबाइल  रखने  पर  रोक  लगा  दी  है  | उनका  आदेश  सही  है  या  गलत  ,यह   मैं  नहीं  जानता  | मैं  कुछ  कर  भी  नहीं  सकता  | उनका  सहयोग  मैं   इस  ऑफर  के  साथ  कर  सकता  हूँ  की  उन्हें  जब  भी  बात  करनी  हो  मेरी  मोबाइल  से  कर  लिया  करें  | उनका  कोई  पैसा  भी  खर्च  नहीं  होगा  और  चुपके  से  काम  भी  चल  जाएगा  |
४  - मैं ऐसा क्यों सोचता हूँ कि , अच्छे - भले भी मुस्लिम उम्मीदवार को दिया गया हर वोट इस्लामी राज्य के पक्ष में जा सकता है  ?

३  - हम कुछ लोगों के भाग्य ईश्वर ने तीन रूपये वाली use and  throw डोट पेन से लिखी | इसलिए हम कभी
किसी द्वारा use  कर लिए जाते हैं , कोई हमें  use करने के बाद  कभी  throw कर देता है |

२ - आदमी के लिए अकेलापन इसलिए भी ज़रूरी है जिससे वह स्वतंत्रतापूर्वक अपनी हवा निकाल सके  |

१  - मुग़ल / अँगरेज़  भारत में जब हिन्दुवों को उर्दू भाषा से कोई ऐतराज़ नहीं हुयी और उन्होंने उसे खूब अपनाया और
प्रयोग किया , तो अब आज़ाद भारत में किसी मुसलमान  / अँगरेज़ को हिन्दी भाषा से आपत्ति क्यों हो ?

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