११ - लोकतंत्र को ही आधार बना लीजिये | यदि भारत का हिन्दू किसी मुसलमान को वोट न दे तो हम आप उसका क्या कर लेंगे ? जिस प्रकार पाकिस्तान में कोई मुसलमान किसी हिन्दू को वोट नहीं देता |
१० --छिनाल होना स्त्री का जन्मसिद्ध अधिकार है ,और छिछोरा होना पुरुष का |
९ - धन्यवाद कहना होगा चोरों को जिनकी वजह से ताला आविष्कार में आया , और इसका व्यवसाय बढ़ा |
८ -वैसे तो इसमें मेरी काबिलियत ही नहीं है, लेकिन मैं सोचता हूँ की यदि मुझे लिखना आ भी जाए तो भी मैं क्रांतिकारी गाने न लिखूं | कारण यह है कि इन गानों का दुरूपयोग कथित क्रांतिकारी लोग बहुत करते हैं | वे क्रान्ति तो कर नहीं पाते या करना चाहते नहीं या करने कि क्षमता नहीं रखते , बस गला फाड़कर , ढपली बजाकर , नाच - गा कर
क्रान्ति के दंभ में चकनाचूर होकर क्रान्ति कर्म की बड़ी क्षति करते हैं |
७ - " एम. ए. तो हैं ही | बस बीच में एल लग जाय तो एम. एल.ए. हो जांय ! "
या फिर भोपाल गैस कांड की बरसी पर जिसमे भी चार छः लोग मरे थे , मुसलमानों में कोई हलचल नहीं दिखाई पड़ती , जब की 6 दिस. बाबरी बरसी पर वे पूरे देश को पुलिस की तैनाती से लबरेज़ कर देते हैं ? इस दुर्घटना में तो कोई मुसलमान मरा भी नहीं था | बाबरी मस्जिद कोई हिन्दुओं का सोमनाथ मंदिर जैसा हो गया क्या ? हिन्दू तो चलिए मूर्तिपूजा के लिए चिर –अपमानित हैं , मुसलमान कब से मूर्तिपूजक हो गए ? क्या उन पर भी हिन्दुओं का भूत सवार हो गया ? क्या वे मुसलमान नहीं रह गए ? मुसलमान सामान्य नागरिकता में क्यों नहीं आते यह दुखदायी प्रश्न है |
६ - गंभीर प्रश्न
क्या कारण है की १९८४ के दंगों की बरसी पर जिसमे दो - चार लोग मरे थे ,
६ - गंभीर प्रश्न
क्या कारण है की १९८४ के दंगों की बरसी पर जिसमे दो - चार लोग मरे थे ,
५ - परधानों की एक पचायत ने लड़कियों को मोबाइल रखने पर रोक लगा दी है | उनका आदेश सही है या गलत ,यह मैं नहीं जानता | मैं कुछ कर भी नहीं सकता | उनका सहयोग मैं इस ऑफर के साथ कर सकता हूँ की उन्हें जब भी बात करनी हो मेरी मोबाइल से कर लिया करें | उनका कोई पैसा भी खर्च नहीं होगा और चुपके से काम भी चल जाएगा |
३ - हम कुछ लोगों के भाग्य ईश्वर ने तीन रूपये वाली use and throw डोट पेन से लिखी | इसलिए हम कभी
किसी द्वारा use कर लिए जाते हैं , कोई हमें use करने के बाद कभी throw कर देता है |
२ - आदमी के लिए अकेलापन इसलिए भी ज़रूरी है जिससे वह स्वतंत्रतापूर्वक अपनी हवा निकाल सके |
१ - मुग़ल / अँगरेज़ भारत में जब हिन्दुवों को उर्दू भाषा से कोई ऐतराज़ नहीं हुयी और उन्होंने उसे खूब अपनाया और
प्रयोग किया , तो अब आज़ाद भारत में किसी मुसलमान / अँगरेज़ को हिन्दी भाषा से आपत्ति क्यों हो ?
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