१०० - घूम रहा है
किसके मन में क्या
मुझे क्या पता ! !
९९ - कुछ न सोचो
आंख बंद कर लो
ध्यान लगाओ .
९८ - यह , कहाँ तो
पहुँचा है फकीर
लौटता नहीं .
९७ - जीवन भाष्य
खेतिहर मनई
खूब जानता
अमिताभ बच्चन
जैसा किसान
कहने का आशय
नहीं है मेरा .
९६ - ज़रूरी नहीं
बोलना पटापट
चुप भी रहो .
९५ - लड़का होता
तो मुझसे लड़ता
ज़मीन बांटो .
९४ - दुर्घटना से
यह दुनिया बनी
बुरी घटना .
९३ - उपनाम तो
बेमानी हो जाने हैं
किसी भी दिन .
९२ - कौन बड़ा है
कुछ तय नहीं है
कौन है छोटा .
९१ - धर्म , धर्म है
तमाम नाम , भ्रम
पैदा करते .
९० - किसके लिए
रुदन रत हूँ मैं
प्रथम प्रेम .
८९ - कुछ भी करो
कंडोम लगाकर
करो तो ठीक .
८८ - बहू जो आई
आ गया हाहाकार
हा- हा , हू- हू का ,
८७ - कभी कभी तो
इंसान होते ही हैं
मुल्ला पण्डे भी .
८६ - अपने आप
समझें तो समझें
मैं क्यों बताऊँ .
८५ - दुनिया को क्या
जानना पर्याप्त है ?
बिल्कुल नहीं .
८४ - बात कहना
भी एक काम ही है
महत्व पूर्ण .
८३ पहले पार
छोटी -छोटी दूरियां
बड़ी बाद में |
८२ - बुलाओ मत
अपने में खोये हैं
महोदय जी |
८० - हो ही जाती है
शराफत प्रकट
बना कीजिये |
७९ - बैठ गए हैं
एक खूंटा पकड़
छूटें तो कैसे |
७८ - जैसा भी मैंने
जिसकी कल्पना की
वह हो गया |
७७ - इस शीशे को
साफ़ होना चाहिए
बाहर से भी |
७६ - यही दुनिया
सखि , पूरी दुनिया
और न कोई |
७५ - एवरी बोडी
इज इम्पोरटेंट
नन एलोन
७४ - हर आदमी
महत्वपूर्ण होता
हर आदमी |
७३ - दूर रहते
कभी - कभी मिलते
प्रसन्न होते |
७२ - चोबीस घंटे
अन्ड़तालिस घंटे
में अंतर है |
[ bglr /kol ]
७१ - मात्र प्रेम से
चलती है जिंदगी
घृणा से नहीं |
७० - नहीं संभव
युद्ध निर्णायक हो
कोई भी कभी |
६९ - चलो इतना
बहाना तो बनाया
थोड़ा पीने का |
६८ - सही बात है
किसको फुर्सत है
जो हाल पूछे |
६७ - यह आदमी
कितना चालाक है
दुष्ट - दानव |
६६ - अपना ज्ञान
नहीं , निज स्वभाव
लिखते हम |
६५ - एक से एक
अनुभव बनते
राह चलते |
६४ - प्यार के किस्से
अजीब अजीब से
याद आते हैं |
६३ - खुश थे हम
बहुत गरीबी थी
बचपन में |
६२ - तुम्हारी रजा
कोई क्या कर डाले
तब प्राप्त हो |
६१ - सेक्स के पार
हुए सेक्स में डूब
जाने के बाद |
६० - सब तो किया
कुछ भी छोड़ा नहीं
जो कर सका |
५९ - बने न बने
बिगाड़ तो दिया ही
व्यवस्था को |
५८ - लालच जब
मन में ही नहीं है
तब फिर क्या |
५७ - समझनी है
बहुत करीब से
उनकी मंशा |
५६ - सरल ही हैं
समस्याओं के हल
हम समस्या |
५५ - झेलनी तो है
प्रताड़ना , सिखाते
हैं शिष्टाचार \
५४ - बुरे फल भी
लोक प्रियता के हैं
कष्ट कारक |
५३ - सवेरे चढ़ा
जो आँख पर चश्मा
शाम उतरा |
५२ - अंग्रेजी भी तो
साधारण भाषा है
उनके लिए |
५१ - प्रतीक्षा में है
सुपर मानव की
हमारा देश |
५० - जीने आया हूँ
सुन लीजिये आप
मरने नहीं |
४९ - पानी के साथ
फेंके तो जा रहे हैं
टब के बच्चे |
४८ - मृत्यु होगी तो
जीवन के बाद न
अभी तो जिंदा |
४७ - जन्म दिन है
मेरा रोना बिल्कुल
मना है आज |
४६ - भ्रम तो था ही
आप मेरे मित्र हैं
अब टूटा है |
४५ - आत्मा धिक्कारे
तभी बात बनेगी
न्याय आएगा |
४४ - सरकार से
मानता हूँ कि वह
सरकार हो |
४३ - इतना तो हैं
हम प्रगतिशील
हाथ मिलाते |
४२ - जो भी हो तो हो
देवी हो तो देवी हो
वेश्या तो वेश्या |
४१ - देवता नहीं
हैवान भी नहीं हूँ
तो आदमी हूँ |
४० - बड़े दबाव
मानव सभ्यता ने
झेले हैं , मित्र !
३९ - संयोग वश
हम उनसे मिले
उनके हुए |
३८ - मित्रता वश
चाहें हाथ थामो या
या गले लगाओ |
३७ - किस प्रकार
शरीर को बचाए
भीड़ में बेटी |
३६ - नहीं चलेगी
किसी भी आदर्श से
यह दुनिया |
३५ - दुर्घटना से
अभी तो बच गए
लेकिन फिर -- |
३४ - नहीं रहूँगा
हमेशा मैं अकेला
साथी आयेंगे |
३३ - हम न तब
जवान थे , न अब
कुछ बूढ़े हैं |
३२ - कोई एक हो
तो बताएं भी , यहाँ
तो अनेक हैं |
३१ - नाम रहेंगे
जातियों का आभास
नहीं रहेगा |
३० - दुनिया दारी
पालन करनी है
सही हो न हो |
२९ - देते रहिये
अक्ल नहीं आयेगी
इस लोक को |
२८ - यहाँ आये हैं
दूरसे चलकर
अब पहुंचे |
२७ - और क्या चारा
क्षमा के अतिरिक्त
या पाश्चाताप .
२६ -बात करके
अपनी जुबान क्यों
बिलावजह
खराब करते हो
अनावश्यक.
२५ - बिगाड़ दे जो
इतना भी क्या प्यार
माँ हो या बेटा .
२४ - हमने जाना
मन को मनाना है
कुछ पाना है .
२३ - अचंभित हो
सोच में पड़ गया
वह ईश्वर
देखकर आदमी
चकरा गया .
२४ - स्वर्ग होता या
नहीं होता , चाहता
हर आदमी .
२३ - थोड्रा उत्साह
पहले ज़रूर था
अब नहीं है .
२२ - लो , मैं खुद ही
कटघरे में खड़ा
हो गया तेरे .
१ - निराश न हो
ज्यादा आशा न करो
यह भी तो है .
२ - हर व्यक्ति का
गुज़र - बसर हो
ऐसा चाहिए
समाज , सरकार
मरे न कोई .
३ - उससे होता
तुमसे न होता तो
मेरा विवाह .
४ - अच्छा नहीं है
पैर छूना इतना
बुरा भी नहीं
पैर छूना इतना
रीति की बात .
५ - हुआ ही होगा
हुआ ही होगा कुछ
दुनिया बनी .
६ - खाना मना है
ऐसा नहीं है , बस
मन नहीं है .
७ - कुछ नहीं हूँ
आद्यांत तुम्हारा हूँ
ऐसा समझो .
८ - वह करेगा
अपने ही मन की
निष्फल पूजा .
९ - दूरी ही जानो
नज़दीकी नहीं है
यदि उनसे
१० - हमें ज्ञात है
धर्म निरपेक्षता
का मतलब .
११ - आगे बनेंगे
नाटक कार , अभी
बाल बढ़ाए .
१२ - संभाल कर
कीजिये आलोचना
कान न पके
१३ - धूमधाम से
हुयी थी मेरी शादी
तलाक़ हुआ |
१४ - मैं चल रहा
दवा चल रही है
श्वांस चलती .
१५ - जिसको तुम
लिखना कहते हो
लिखना क्या है |
१६ - छलावा ही है
यद्यपि वह भी तो
लेकिन प्रिय |
१७ - बूढ़ों के लिए
कभी मत खरीदो
नयी रजाई |
१८ - इत्मिनान से
था ,हूँ और रहूँगा
सब स्वीकार |
१९ - कराहने से
दर्द कम होता है
मनोविज्ञान |
२० - स्थितियां तो हैं
न सच बोलने की
न सुनने की |
२१ - दुखी करती
सच न बोल पाने
की मजबूरी |
===================c/o to pre no. 1
~!@#$%^&*()_+ THE END .
किसके मन में क्या
मुझे क्या पता ! !
९९ - कुछ न सोचो
आंख बंद कर लो
ध्यान लगाओ .
९८ - यह , कहाँ तो
पहुँचा है फकीर
लौटता नहीं .
९७ - जीवन भाष्य
खेतिहर मनई
खूब जानता
अमिताभ बच्चन
जैसा किसान
कहने का आशय
नहीं है मेरा .
९६ - ज़रूरी नहीं
बोलना पटापट
चुप भी रहो .
९५ - लड़का होता
तो मुझसे लड़ता
ज़मीन बांटो .
९४ - दुर्घटना से
यह दुनिया बनी
बुरी घटना .
९३ - उपनाम तो
बेमानी हो जाने हैं
किसी भी दिन .
९२ - कौन बड़ा है
कुछ तय नहीं है
कौन है छोटा .
९१ - धर्म , धर्म है
तमाम नाम , भ्रम
पैदा करते .
९० - किसके लिए
रुदन रत हूँ मैं
प्रथम प्रेम .
८९ - कुछ भी करो
कंडोम लगाकर
करो तो ठीक .
८८ - बहू जो आई
आ गया हाहाकार
हा- हा , हू- हू का ,
८७ - कभी कभी तो
इंसान होते ही हैं
मुल्ला पण्डे भी .
८६ - अपने आप
समझें तो समझें
मैं क्यों बताऊँ .
८५ - दुनिया को क्या
जानना पर्याप्त है ?
बिल्कुल नहीं .
८४ - बात कहना
भी एक काम ही है
महत्व पूर्ण .
८३ पहले पार
छोटी -छोटी दूरियां
बड़ी बाद में |
८२ - बुलाओ मत
अपने में खोये हैं
महोदय जी |
८० - हो ही जाती है
शराफत प्रकट
बना कीजिये |
७९ - बैठ गए हैं
एक खूंटा पकड़
छूटें तो कैसे |
७८ - जैसा भी मैंने
जिसकी कल्पना की
वह हो गया |
७७ - इस शीशे को
साफ़ होना चाहिए
बाहर से भी |
७६ - यही दुनिया
सखि , पूरी दुनिया
और न कोई |
७५ - एवरी बोडी
इज इम्पोरटेंट
नन एलोन
७४ - हर आदमी
महत्वपूर्ण होता
हर आदमी |
७३ - दूर रहते
कभी - कभी मिलते
प्रसन्न होते |
७२ - चोबीस घंटे
अन्ड़तालिस घंटे
में अंतर है |
[ bglr /kol ]
७१ - मात्र प्रेम से
चलती है जिंदगी
घृणा से नहीं |
७० - नहीं संभव
युद्ध निर्णायक हो
कोई भी कभी |
६९ - चलो इतना
बहाना तो बनाया
थोड़ा पीने का |
६८ - सही बात है
किसको फुर्सत है
जो हाल पूछे |
६७ - यह आदमी
कितना चालाक है
दुष्ट - दानव |
६६ - अपना ज्ञान
नहीं , निज स्वभाव
लिखते हम |
६५ - एक से एक
अनुभव बनते
राह चलते |
६४ - प्यार के किस्से
अजीब अजीब से
याद आते हैं |
६३ - खुश थे हम
बहुत गरीबी थी
बचपन में |
६२ - तुम्हारी रजा
कोई क्या कर डाले
तब प्राप्त हो |
६१ - सेक्स के पार
हुए सेक्स में डूब
जाने के बाद |
६० - सब तो किया
कुछ भी छोड़ा नहीं
जो कर सका |
५९ - बने न बने
बिगाड़ तो दिया ही
व्यवस्था को |
५८ - लालच जब
मन में ही नहीं है
तब फिर क्या |
५७ - समझनी है
बहुत करीब से
उनकी मंशा |
५६ - सरल ही हैं
समस्याओं के हल
हम समस्या |
५५ - झेलनी तो है
प्रताड़ना , सिखाते
हैं शिष्टाचार \
५४ - बुरे फल भी
लोक प्रियता के हैं
कष्ट कारक |
५३ - सवेरे चढ़ा
जो आँख पर चश्मा
शाम उतरा |
५२ - अंग्रेजी भी तो
साधारण भाषा है
उनके लिए |
५१ - प्रतीक्षा में है
सुपर मानव की
हमारा देश |
५० - जीने आया हूँ
सुन लीजिये आप
मरने नहीं |
४९ - पानी के साथ
फेंके तो जा रहे हैं
टब के बच्चे |
४८ - मृत्यु होगी तो
जीवन के बाद न
अभी तो जिंदा |
४७ - जन्म दिन है
मेरा रोना बिल्कुल
मना है आज |
४६ - भ्रम तो था ही
आप मेरे मित्र हैं
अब टूटा है |
४५ - आत्मा धिक्कारे
तभी बात बनेगी
न्याय आएगा |
४४ - सरकार से
मानता हूँ कि वह
सरकार हो |
४३ - इतना तो हैं
हम प्रगतिशील
हाथ मिलाते |
४२ - जो भी हो तो हो
देवी हो तो देवी हो
वेश्या तो वेश्या |
४१ - देवता नहीं
हैवान भी नहीं हूँ
तो आदमी हूँ |
४० - बड़े दबाव
मानव सभ्यता ने
झेले हैं , मित्र !
३९ - संयोग वश
हम उनसे मिले
उनके हुए |
३८ - मित्रता वश
चाहें हाथ थामो या
या गले लगाओ |
३७ - किस प्रकार
शरीर को बचाए
भीड़ में बेटी |
३६ - नहीं चलेगी
किसी भी आदर्श से
यह दुनिया |
३५ - दुर्घटना से
अभी तो बच गए
लेकिन फिर -- |
३४ - नहीं रहूँगा
हमेशा मैं अकेला
साथी आयेंगे |
३३ - हम न तब
जवान थे , न अब
कुछ बूढ़े हैं |
३२ - कोई एक हो
तो बताएं भी , यहाँ
तो अनेक हैं |
३१ - नाम रहेंगे
जातियों का आभास
नहीं रहेगा |
३० - दुनिया दारी
पालन करनी है
सही हो न हो |
२९ - देते रहिये
अक्ल नहीं आयेगी
इस लोक को |
२८ - यहाँ आये हैं
दूरसे चलकर
अब पहुंचे |
२७ - और क्या चारा
क्षमा के अतिरिक्त
या पाश्चाताप .
२६ -बात करके
अपनी जुबान क्यों
बिलावजह
खराब करते हो
अनावश्यक.
२५ - बिगाड़ दे जो
इतना भी क्या प्यार
माँ हो या बेटा .
२४ - हमने जाना
मन को मनाना है
कुछ पाना है .
२३ - अचंभित हो
सोच में पड़ गया
वह ईश्वर
देखकर आदमी
चकरा गया .
२४ - स्वर्ग होता या
नहीं होता , चाहता
हर आदमी .
२३ - थोड्रा उत्साह
पहले ज़रूर था
अब नहीं है .
२२ - लो , मैं खुद ही
कटघरे में खड़ा
हो गया तेरे .
१ - निराश न हो
ज्यादा आशा न करो
यह भी तो है .
२ - हर व्यक्ति का
गुज़र - बसर हो
ऐसा चाहिए
समाज , सरकार
मरे न कोई .
३ - उससे होता
तुमसे न होता तो
मेरा विवाह .
४ - अच्छा नहीं है
पैर छूना इतना
बुरा भी नहीं
पैर छूना इतना
रीति की बात .
५ - हुआ ही होगा
हुआ ही होगा कुछ
दुनिया बनी .
६ - खाना मना है
ऐसा नहीं है , बस
मन नहीं है .
७ - कुछ नहीं हूँ
आद्यांत तुम्हारा हूँ
ऐसा समझो .
८ - वह करेगा
अपने ही मन की
निष्फल पूजा .
९ - दूरी ही जानो
नज़दीकी नहीं है
यदि उनसे
१० - हमें ज्ञात है
धर्म निरपेक्षता
का मतलब .
११ - आगे बनेंगे
नाटक कार , अभी
बाल बढ़ाए .
१२ - संभाल कर
कीजिये आलोचना
कान न पके
१३ - धूमधाम से
हुयी थी मेरी शादी
तलाक़ हुआ |
१४ - मैं चल रहा
दवा चल रही है
श्वांस चलती .
१५ - जिसको तुम
लिखना कहते हो
लिखना क्या है |
१६ - छलावा ही है
यद्यपि वह भी तो
लेकिन प्रिय |
१७ - बूढ़ों के लिए
कभी मत खरीदो
नयी रजाई |
१८ - इत्मिनान से
था ,हूँ और रहूँगा
सब स्वीकार |
१९ - कराहने से
दर्द कम होता है
मनोविज्ञान |
२० - स्थितियां तो हैं
न सच बोलने की
न सुनने की |
२१ - दुखी करती
सच न बोल पाने
की मजबूरी |
===================c/o to pre no. 1
~!@#$%^&*()_+ THE END .
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