शनिवार, 4 दिसंबर 2010

हाइकु किताब [Five] , 3 lines , 100 up

१०० - घूम रहा है
किसके मन में क्या
मुझे क्या पता   !                    !

९९ - कुछ न सोचो
आंख बंद कर लो
ध्यान लगाओ .

९८ - यह , कहाँ तो
पहुँचा है फकीर
लौटता  नहीं .

९७ - जीवन भाष्य
खेतिहर मनई
खूब  जानता
अमिताभ  बच्चन
जैसा किसान
कहने का आशय
नहीं है मेरा .

९६ - ज़रूरी नहीं
बोलना पटापट
चुप भी रहो .

९५ - लड़का होता
तो मुझसे लड़ता
ज़मीन बांटो .

९४ - दुर्घटना से
यह दुनिया बनी
बुरी घटना .

९३ - उपनाम तो
बेमानी  हो  जाने  हैं
किसी भी दिन .

९२ - कौन बड़ा है
कुछ तय नहीं है
कौन है छोटा .

९१ - धर्म , धर्म है
तमाम नाम , भ्रम
पैदा करते .

९० - किसके लिए
रुदन रत हूँ मैं
प्रथम प्रेम .

८९ - कुछ भी करो
कंडोम लगाकर
करो तो ठीक .

८८ - बहू जो आई
आ गया हाहाकार
हा- हा , हू- हू का ,

८७ - कभी कभी तो
इंसान होते  ही हैं
मुल्ला पण्डे भी .

८६ - अपने आप
समझें तो समझें
मैं क्यों बताऊँ .

८५ - दुनिया को   क्या
जानना पर्याप्त है ?
बिल्कुल नहीं .

८४ - बात  कहना
भी एक काम ही है
महत्व पूर्ण .

८३ पहले पार
छोटी -छोटी दूरियां
बड़ी बाद में |

८२ - बुलाओ मत
अपने में खोये हैं
महोदय जी |

८० - हो ही जाती है
शराफत प्रकट
बना कीजिये |

७९ - बैठ गए हैं
एक खूंटा पकड़
छूटें तो कैसे |

७८ - जैसा भी मैंने
जिसकी कल्पना की
वह हो गया |

७७  - इस शीशे को
साफ़ होना चाहिए
बाहर से भी |

७६  - यही दुनिया
सखि , पूरी दुनिया
और न कोई |

७५ - एवरी बोडी
इज इम्पोरटेंट
नन एलोन

७४ - हर आदमी
महत्वपूर्ण होता
हर आदमी  |

७३ - दूर रहते
कभी - कभी मिलते
प्रसन्न होते |

७२ - चोबीस घंटे
अन्ड़तालिस घंटे
में अंतर है |
[ bglr /kol ]

७१ - मात्र प्रेम से
चलती है जिंदगी
घृणा से नहीं |

७० - नहीं संभव
युद्ध निर्णायक हो
कोई भी कभी |

६९ - चलो इतना
बहाना तो बनाया
थोड़ा पीने का |

६८ - सही बात है
किसको फुर्सत है
जो हाल पूछे |

६७ - यह आदमी
कितना चालाक है
दुष्ट - दानव |

६६ - अपना ज्ञान
नहीं , निज स्वभाव
लिखते हम |

६५ - एक से एक
अनुभव बनते
राह चलते |

६४ - प्यार के किस्से
अजीब अजीब से
याद आते हैं |

६३ - खुश थे  हम
बहुत गरीबी थी
बचपन में |

६२ - तुम्हारी रजा
कोई क्या कर डाले
तब प्राप्त  हो |

६१ - सेक्स के पार
हुए सेक्स में डूब
जाने के बाद |

६० - सब तो किया
कुछ भी छोड़ा नहीं
जो कर सका |

५९ - बने न बने
बिगाड़ तो दिया ही
व्यवस्था को |

५८ - लालच जब
मन में ही नहीं है
तब फिर क्या |

५७ - समझनी है
बहुत करीब से
उनकी मंशा |

५६ - सरल ही हैं
समस्याओं के हल
हम समस्या |

५५ - झेलनी   तो है
प्रताड़ना  , सिखाते
हैं शिष्टाचार \

५४ - बुरे फल भी
लोक प्रियता के हैं
कष्ट कारक |

५३ - सवेरे चढ़ा
जो आँख पर चश्मा
शाम उतरा |

५२ - अंग्रेजी भी तो
साधारण भाषा है
उनके लिए |

५१ - प्रतीक्षा में है
सुपर मानव की
हमारा देश |

५० - जीने आया हूँ
सुन लीजिये  आप
मरने नहीं |

४९ - पानी के साथ
फेंके तो जा रहे हैं
टब के बच्चे |

४८ - मृत्यु होगी तो
जीवन के बाद न
अभी तो जिंदा |

४७ - जन्म दिन है
मेरा रोना  बिल्कुल
मना है आज |

४६ - भ्रम तो था ही
आप मेरे मित्र हैं
अब टूटा है |

४५ - आत्मा धिक्कारे
तभी बात बनेगी
न्याय आएगा |

४४ - सरकार से
मानता हूँ कि वह
सरकार हो |

४३ - इतना तो हैं
हम प्रगतिशील
हाथ मिलाते |

४२ - जो भी हो तो हो
देवी हो तो देवी हो
वेश्या तो वेश्या |

४१ - देवता नहीं
हैवान भी नहीं हूँ
तो आदमी हूँ |

४० - बड़े दबाव
मानव सभ्यता ने
झेले हैं , मित्र  !

३९ - संयोग वश
हम उनसे मिले
उनके हुए |

३८ - मित्रता  वश
चाहें हाथ थामो या
या गले लगाओ |

३७ - किस प्रकार
शरीर को बचाए
भीड़ में बेटी |

३६ - नहीं चलेगी
किसी भी आदर्श से
यह दुनिया |

३५ - दुर्घटना से
अभी तो बच गए
लेकिन फिर -- |

३४ - नहीं रहूँगा
हमेशा मैं अकेला
साथी आयेंगे |

३३ - हम न तब
जवान थे , न अब
कुछ बूढ़े हैं |

३२ - कोई एक हो
तो बताएं भी , यहाँ
तो अनेक हैं |

३१ - नाम  रहेंगे
जातियों  का  आभास
नहीं   रहेगा |

३० - दुनिया दारी
पालन करनी है
सही हो न हो |

२९ - देते रहिये
अक्ल नहीं आयेगी
इस लोक को |

२८ - यहाँ आये हैं
दूरसे चलकर
अब पहुंचे |

२७ - और क्या चारा
क्षमा के अतिरिक्त
या पाश्चाताप .

२६ -बात करके
अपनी जुबान क्यों
बिलावजह
खराब करते हो
अनावश्यक.

२५ - बिगाड़ दे जो
इतना भी क्या प्यार
माँ हो या बेटा .

२४ - हमने जाना
मन को मनाना है
कुछ पाना है .

२३ - अचंभित हो
सोच में पड़ गया
वह ईश्वर
देखकर आदमी
चकरा  गया  .

२४ - स्वर्ग होता या
नहीं होता , चाहता
हर आदमी .

२३ - थोड्रा  उत्साह
पहले ज़रूर था
अब नहीं है .

२२ - लो , मैं खुद ही 
कटघरे में खड़ा
हो  गया तेरे .

१ - निराश न हो
ज्यादा आशा न करो
यह भी तो है  .

२ - हर व्यक्ति का
गुज़र - बसर हो
ऐसा चाहिए
समाज , सरकार
मरे न कोई  .

३ - उससे होता
तुमसे न होता तो
मेरा विवाह  .

४ - अच्छा नहीं है
पैर छूना इतना
बुरा भी नहीं
पैर छूना इतना
रीति की बात .

५ - हुआ ही होगा
 हुआ ही होगा कुछ
दुनिया बनी .

६ - खाना मना है
 ऐसा नहीं है , बस
मन नहीं है  .

७ - कुछ नहीं हूँ
आद्यांत तुम्हारा हूँ
ऐसा समझो .

८ - वह करेगा
अपने ही मन की
निष्फल पूजा  .

९ - दूरी ही जानो
नज़दीकी नहीं है
यदि   उनसे

१० - हमें ज्ञात है
धर्म निरपेक्षता
का मतलब .

११ - आगे बनेंगे
नाटक कार , अभी
बाल बढ़ाए .

१२ - संभाल कर
कीजिये  आलोचना
कान न पके

१३ - धूमधाम से
हुयी थी मेरी शादी
तलाक़ हुआ |

१४ - मैं चल रहा
दवा चल रही है
श्वांस चलती .

१५ - जिसको तुम
लिखना कहते हो
लिखना क्या है |

१६ - छलावा ही है
यद्यपि वह भी तो  
लेकिन प्रिय |

१७ - बूढ़ों के लिए
कभी मत खरीदो
नयी रजाई |

१८ - इत्मिनान से
था ,हूँ और रहूँगा
सब स्वीकार |

१९ - कराहने से
दर्द कम होता है
मनोविज्ञान |

२० - स्थितियां  तो हैं
न सच बोलने की
न सुनने की |

२१ - दुखी करती
सच न बोल पाने
की मजबूरी |
  ===================c/o to pre no. 1
~!@#$%^&*()_+  THE END   .

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