* उसने (ईश्वर ने) तो खूब मूर्तियाँ बनाईं , हम लोगों की , पशु-पक्षियों, जंगल पहाड़ नदी समुद्र चाँद सूरज सितारों और तमाम चीज़ों की , अपनी इच्छानुसार । अब हमसे कहता है कि मेरी (ईश्वर की) मूर्ति मत बनाओ । खबरदार जो बनाया । बताइए कितना बड़ा अन्याय है उसके राज में ?
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