शनिवार, 25 जून 2011

मै एक छोटा आदमी

0 अभी उस दिन दो लड़के सीवर साफ करते समय ज़हरीले गैस के कारण दम घुटने से मर गये । मैं सोचता हूँ कि मैला मुक्ति भला कहाँ संभव हुआ ?   (समय)

0 मुझे गलत समझा जा सकता है , पर मै एक छोटा आदमी विवशतः यह मानता हूँ कि मैं व्यक्तिगत तौर पर ही ईमानदार हो सकता हूँ , किसी अन्य को ईमानदार होने के लिए विवश नहीं कर सकता । हाँ,यह काम नैतिक संत, समर्थ शिक्षक, सक्षम अधिकारी अवश्य कर सकते हैं । जैसे मैं अपने वकील से नहीं कह सकता कि मेरी फीस को ईमानदारी से इनकम टैक्स रिटर्न मे दिखाओ । मेरे पास इतना नैतिक साहस नहीं है कि डॉक्टर से कह दूँ मेरे बच्चे को कुछ भी हो जाय मैं तुम्हे कोई पैसा नहीं दूँगा । मैं तो  पोस्टमैन तक को होती-दीवाली की त्योहारी माँगने से मना नही कर सकता । इत्यादि- इत्यादि- इत्यादि । इसे दैनिक जीवन के अनुभव से समझ सकते हैं ।इसे कृपया केवल दिमाग से नहीं, उसमें अपना दिल भी जोड़कर सोचें । नैतिकता नितांत निजी मामला है , और ईमानदारी नैतिकता से संबंधित है। इसलिए ईमानदारी निजी नैतिकता है ।

0 इनके आन्दोलन बीजेपी , आरएसएस से क्यों न जोड़े जाँय , आखिर हैं तो ये  (Human) Rightist , दक्षिणपंथी ही ।   (व्यंग्य)
0 जनता ? कौन सी जनता है जिसे आप लोकतंत्र के पक्ष में लाने का दम भरते हैं ?    (उवाच)
0 भुक्खड़ देश में ईमानदारी ¿ पहले भूख का इलाज करो      (उवाच)
0 अपने प्रायवेट बाथरूम में भी कोई बाल साफ करने का क्रीम खुले में नहीं रखता । (उवाच)  
0 अपनी पत्नी की
मुझे लाज रखनी है ,
इसलिए नज़रें
पराई ओर रखता हूँ ।  (बदमाशी)
0 परिवर्तन
बहुत तीब्र न हो
धीरे धीरे हो     (हाइकु)

*तुम्हारा ही पत्थर है
तुम्हारी ही छेनी हथौड़ी
तुम्हारी ही मूर्ति है ।  (कविता)
0 बड़ी मुश्किल से
भीगने का
मौका मिला था
उसने
छाता उढ़ा दिया ।  (कविता)
0 साँप , कोई ज़रूरी नहीं
कि काटे ,
उसके काटने का भय भी
आदमी को
मार सकता है ।0   (कविता) 
0 इसीलिए
कमाई खूब है ,
क्योंकि मँहगाई
बहुत है ।   (सं-पीपली लाइव)
0 भेड़ियाधसान है
सरकार बनाने के लिए
मतपत्रों का डाला जाना ,
भेड़ियाधसान ही है
सरकार के खिलाफ़
आन्दोलन किया जाना ।  (कविता)
 

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