सोमवार, 20 जून 2011

ज्योतिष के खिलाफ

  •  ज्योतिष के खिलाफ मेरे पास एक दमदार तर्क है | किसी भी व्यक्ति का जन्म समय ठीक अंकित नहीं हो सकता | सर से लेकर पाँव तक निकलते-निकलते ग्रह -नक्षत्र बदल जाते होंगे  | कौन सा समय उसके जन्म की घड़ी माना  जाता होगा  ? 
  • अरविन्द केजरीवाल [ने मानो बड़ी कृपा की जो ] आई ए एस छोड़कर सभ्य नागरिक सक्रियता में आये | लेकिन इसी नाते तो उन्हें शासन - प्रशासन का कोई अनुभव नहीं हो पाया , जो कि उनके उल -जलूल कामों और माँगों से स्पष्ट है | पहले आर टी आई,और अब लोकपाल के भीतर प्रधान मंत्री |
  • बाबाओं और गुरुओं की सूचना के लिए बताना है कि योग का एक महत्वपूर्ण  आसन है  जिसे , ऐसा लगता है कि वे जानते ही नहीं और इसीलिये केवल शारीरिक कसरत [physical exercise] कराकर नाम व धन कमाते एवं अपने कर्तव्य से मुक्त हो जाना चाहते हैं | जब कि यह अभी भी ओशो ध्यान शिविरों में कराया जाता है | वह है शवासन -शरीर को मृतप्राय छोड़ देना | मेरा सुझाव है कि यही आसन अब उनके लिए समुचित है | अब वे यही करें , और अन्य कुछ न करें | तो हम उनसे मुक्ति पायें |

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