उग्रनाथ'नागरिक'(1946, बस्ती) का संपूर्ण सृजनात्मक एवं संरचनात्मक संसार | अध्यात्म,धर्म और राज्य के संबंध में साहित्य,विचार,योजनाएँ एवं कार्यक्रम @
कम्युनिस्ट लोग भगवान को कुछ कमतर आँकने लगे, तो उसके खिलाफ़ काम करना इन्होंने बंद कर दिया । नतीजा, यह औंधे मुँह गिरे । ईश्वर ने अपना काम कर दिया ।
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