शनिवार, 6 जनवरी 2018

साम्यवाद

ईश्वर नहीं तो आदमी तो है ? और आदमी क्या ईश्वर से कुछ कम आततायी है ? बहुत दुष्ट है यह भी तभी तो इसने अपने यथानुसार ईश्वर बनाये । इसलिए इस मनुष्य की पूरी, अच्छे से खबर रखनी पड़ेगी । मानव विज्ञान , सभ्यता का विकास और साम्यवाद की समझ बनानी पड़ेगी । खाली नास्तिकता से क्या काम चलेगा ।

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