मंगलवार, 30 जनवरी 2018

आहत

धामिक भावना आहत न की जाय, यह दूसरी बात है । पहली बात यह है कि धार्मिक भावना आहत हो ही क्यों ? यह तो बड़ी उच्च और आदर्श किस्म की चीज़ होती है ? कोई कहता रहे अंट शंट, बकता रहे अंड बंड, आपसे क्या मतलब ? आप बचकर निकल जाइए ।

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