सोमवार, 17 जनवरी 2011

औरतो ! [kavita ]

औरतो !
जुबानें रोक कर तुम
चाल तेज़ कर पाओगी
या चाल तेज़ करके
जुबानें रोकना चाहोगी ?
--------------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें