* मुझमे बचपना बहुत है |
जानना चाहता हूँ की मैं बूढ़ा कैसे बनूँ |
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* मैं कहीं तो नही फिट बैठ पाया | न जाति में न सम्प्रदाय में , न कुल न परिवार में , न गाँव में न देहात में ,
न बोली में न भाषा में , न आयु में न लिंग में , न शिक्षा - अशिक्षा में , न हिन्दू - मुसलमान में ,
न धर्म में न राजनीति में , न अमीरी में न गरीबी में , न पठन में न लेखन में , न साहित्य की किसी विधा में ,
न हस्तलेखन में न ब्लॉग में , और कहाँ तक गिनाऊँ , कहीं भी तो नहीं मैं एडजस्ट हो पाया |
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