गुरुवार, 13 जनवरी 2011

No Killing and some poems

१ - मेरी राजनीतिक नीति में प्रथम है - हत्या -क़त्ल नहीं , अनहिंसा ( UNVIOLENCE - no killing at any cost , in any case , by the individual , or by the state - There shall be no capitol punishment [ मृत्यु दंड ] in our regime ).
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२ - I have a programme of full expression , saying - तथाकथित or कथन  [ सब कुछ कह देना / कुछ कहने से रह न जाए }. तो डेमोक्रेसी का कुछ काम हल हो जाए |
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३ - व्यवहार उन्ही कथनों से आकार लेगा | [लेकिन व्यवहार का मतलब व्यावहारिक होने , poltically correct होने से नहीं है ] , और ज़ाहिर है कि कथन कहीं  हवा से नहीं , संवेदना और वैचारिक ऊर्जा से निकलते हैं  | अर्थात हम मूलतः चिंतन करते हैं पर व्यवहार को ज्यादा महत्व देते हैं | और हाँ , कहने - बोलने - लिखने में न कहना - न बोलना -न लिखना भी तो शामिल है ! इसी को तो राजनीति ,politics कहते हैं न !
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४ - भारत के किसी राजनीतिक संगठन का नाम ' चाणक्य " हो सकता है |
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५  - हम अपनी योग्यता लिखते हैं 
कविता तो हर कवि  लिखता है
अपनी संवेदना
या विचार , लेकिन
मैं कहना चाहता हूँ कि
मैं अपनी भरसक
योग्यता भी लिखता हूँ
सम्पूर्ण कौशल के साथ
मैं जितना
जिस प्रकार लिखता हूँ
उससे बढ़िया,
बेहतर तरीके से
 मैं नहीं लिख सकता |
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६ -" राजनीति में तो  तब जाऊं जब नेता का जन्म दिन मनाऊँ "|
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७ - * रोज़ लगता है
आज मर जाऊंगा
रोज़ जिंदा
रह जाता हूँ |
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८ - * सफ़र करते करते
कहाँ पूरा हुआ
रुक गया
तब हुआ |
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९ - तथाकथित [ school of expression ]  /  कथन [ Akademy of Expression ]
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