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६ - अब किसी भी सभी मनुष्य को मानवता के लिए शहीद होने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी | कट्टर पंथीं ताकतें उन्हें उनके पास खुद जाकर मौत के घात उतारेंगी |
५ * [प्रति-यथा कविता]
मुझे कुछ नहीं कहना
यदि आप इसी तरह खुश रहना चाहते हैं
तो मुझे आप से कुछ नहीं कहना
सरकारी वेतनभोगी ही सही ,
यदि आप चौराहे पर खड़े
पुलिस सिपाही को गोली मारकर
ठहाका लगा सकते हैं
तो मुझे आप से कुछ नहीं कहना ,
यदि आप भीड़ में खड़े
कुछ जन - जंतुओं को जिंदा जलाकर
अपना झंडा ऊंचा करना चाहते हैं
तो मुझे आप से कुछ नहीं कहना |
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४ - * [कथावत] वह जवान लड़का -------------
बस में वह इस स्थिति में था की उसका अंग -हाथ लड़की के अंगों से लग जा सकता था |
जाने कैसे उसे अपनी बहन की याद आ गयी | वह भी तो इसी प्रकार अकेले आती -जाती है |
उसे भी तो देर हो जाती है | वह आश्वस्त नहीं हो पाया कि उसकी बहन से कोई दुर्व्यवहार नहीं होता होगा ,
लेकिन उसने तय कर लिया कि इस घडी भर की बहन के साथ कोई बदतमीजी नहीं होने देगा , वह भी अपने द्वारा |
और वह निश्चिन्त इत्मिनान से हो गया |
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३ - [विचार -अभ्यास ]
* अंतर्ज्ञान नहीं " अन्तरज्ञान " , knowledging the difference or distinction between the two or many .
We find that this the most scientific way of knowing anything . i.e. DISTINCTISM KYA ?
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२ - [उवाच ] * मैं हिंदी लिखना जानता हूँ | हिंदी पढ़ी है मैंने | ऐसे में यदि मैं हिंदी में कुछ चिट्ठी ,
कविता , कहानी लिखता हूँ , तो क्या कृपा कर देता हूँ !
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१ - [हाइकु ]
* मुझे न देखो
जैसा आप उचित
समझो , करो |
*जहाँ आदमी
तहां नर्क समझो
बुरा न मानो |
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~!@#$%^&*
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