१ - आज़ादी होती
अपने राज्य के लिए
जन के नहीं .
२ - भूखो को भूख
बहुत लगती है
बहुत खाते .
३ - छोड़ा तो छोड़ा
उन्हें , जिन्हें पकड़ा
उन्हें पकड़ा .
४ - अच्चा लगता
सम्बन्ध बिगाड़ते
भला किसको .
५ - आध्यात्मिकता
अन्दर से बनाती
व्यक्ति को ठोस .
६ - बुरानुभूति
भी एक अनुभूति
बुरी खबर .
७ -काम उठाया
बजाय उपदेश
शक्तिशः किया .
८ - देखा तो नहीं
लेकिन देखने का
मन तो है .
९ - मुश्किल होगा
मुझको यूँ जानना
साधारणतः .
१० - क्या ज़रूरी है
अच्छा ही लिखा जाए
बुरा क्यों नहीं .
११ - आप आयेंगे
तो खड़े हो जायेंगे
हम कुर्सी से .
१२ - क्या तड़पना
भाग्य में ही नहीं था
जब मिलना .
१३ - लिखते होंगे
विचारते नहीं हैं
साहित्त्य कार .
१४ - सोच में खोट
पैदा कर देती है
प्रशंसा - मोह .
१५ - नीचे गिराती
महान बनने का
मोह व्यक्ति को .
१६ - विरोध में हैं
समर्थन में नहीं
हम आपके .
१७ - नेता में नेता
एक अमर सिंह
एक अजित .
१८ - मुझे आदमी
कोई पसंद आता
या नहीं आता .
१९ - चकनाचूर
करता मैं महिमा
वालों का दंभ .
२० - ज़रूरी भी है
लेकिन थोड़ा दंभ
मान में लिए .
२१ - ढूंढता हूँ मैं
थोड़ा हंस लेने का
सुअवसर .
२२ - स्वामी नहीं मैं
देश की जनता का
स्वामिभक्त हूँ .
२३ - मैं ही देवता
हाँ , मैं ही राक्षस हूँ
मैं आदमी हूँ .
२४ - जानते नहीं
वह संपादक हैं
नहीं लिखेंगे .
२५ - कम्बल नहीं
उन्हें छत चाहिए
जाड़ों के लिए .
२६ - हम मूर्ख थे
हम मूर्ख हैं , हम
मूर्ख रहेंगे .
२७ - भ्रष्टाचार के
बारे में हम बात
नहीं करते .
२८ - आकर्षक हैं
रौवां जी के नितम्ब
सुन्तहयीं न !
२९ - कोफ़्त होती है
सिनेमा देखकर
या सीरियल |
३० - मैं और प्रेम
किसी से कभी नहीं
अरे , कभी तो !
३१ - शादी क्या होती
निभाना भर होता
पूरी जिंदगी |
३२ - नहीं दीखता
कोई परिवर्तन
कल - आज में |
३३ - नहीं आया जो
लिखना , लेकिन तो
घमंड आया |
३४ - होता है फ्यूज़
बल्ब फ्यूज़ होता है
उसने कहा |
३५ - वह है नहीं
तो क्या न होने दें , जो
होना चाहता ?
३६ - मूर्ख हैं हम
कुछ नहीं जानते
दुनिया बड़ी
#
३७ - नहीं छोड़ती
कविता मेरा पीछा
आगे बढ़ाती
३८ - प्रगतिशील
कितना भी हो बुड्ढा
बुड्ढा रहेगा
३९ -यही ज़िंदगी
अच्छी भी है बुरी भी
जैसा इसे लो
४० - तंग आ गया
ज़िंदगी से अब तो
लेकिन तो क्या
४१ - करते सब
होता कुछ अन्हीं
पूजा पाठ से
४२ - हम जो हैं
हमारा दिल भी है
दिमाग भी
४३ - मैं अभिज्ञता
महसूस करता
आप अपनी
४४ - यह चांस है
निरा मौके की बात है
कि ईश्वर है
४५ - हार जाओगे
प्यार का मामला है
कबड्डी नहीं
४६ - बेवकूफी से
नफ़रत थी मुझे
वही मेरी है
४७ - बिना घूस भी
काम होना चाहिए
बिना जुगाड़
४८ - आई हैव टु
लिव तू लॉन्ग, फॉर
मैनी रीजंस
I have to
live too long for
many reasons
४९ - पानी तो गर्म
चाहिए उन्हें , पर
कमरा ठंडा
५० - कहाँ जीतोगे
लड़ाई करने से
नाश ही नाश
५१ - तुम्हारे बिना
एक दुनिया बसा
तो ली है मैंने
५२ - फैसला किया
तेरे मेरे बीच में
फासला रहे
५३ - न ज्यादा रोना
हर हाल में मस्त
न ज्यादा खुश
५४ - तुम्हारे श्याम
हो गए श्वेत-श्याम
हे राधा! कृष्ण
५५ - गुलामी आती
बिना कोई खबर
दिए कमबख्त
५६ - दुनिया खाक
ही होती , जो न होते
गुलमोहर
५७ - सत्य यह भी
थोड़ा घुमाओ इसे
सत्य वह भी
५८ - बहुत तेज़
रुदन हथियार
करता वार
५९ - व्यवसाय है
ज़िंदगी जीना भी
मुझे न आया
न कुछ कर पाया
ज़िन्दगी भर
६० - सत्य से प्रेम
मुझको है तो कभी
परहेज भी
६१ - जातीय स्मृति
आगे चल करती
जातीय भूल
६२ - अपने से ही
हो पता है सीखना
पढ़ाई व्यर्थ
६३ - हाथा पाई में
जिसने हार खाई
है धराशायी
६४ - बहुत कम
पसंद आ पाते हैं
मुझे आदमी
६५ - कोई भी व्यक्ति
मुझे पसंद नहीं
न मैं किसी को
६६ - छुट्टी ही छुट्टी
सरकारी नौकरी
मज़े ही मज़े
६७ - मन संन्यासी
हो गया अब मेरा
सम्बन्धहीन
६८ -शुक्र गुज़र
बनूँ भी तो कैसे मैं
किसी शख्श का
किसी ने भी तो
ऐसी कोई मदद
मेरी नहीं की
६९ - विवाहेतर प्रेम
ही होता सच्चा प्रेम
दरअसल
७० - शरीर है तो
शरीर ही नहीं है
तिस पर भी
७१ - वह जो था न
वह सम्बन्ध नहीं
व्यवसाय था
७२ - मिले नहीं कि
आकर्षण समाप्त
हुआ समझो
७३ - पछताने से
अच्छा है वह काम
करें ही नहीं
७४ - बड़ी आँख से
छोटी लगती सारी
रिद्धि सिद्धियाँ
७५ - अपनी स्थिति
से पूर्ण परिचय
ज्ञान संज्ञान
७६ - खेल खिलाड़ी
ही समझो हमको
रेफरी नहीं
७७ - इस बात का
ज्यादा टूल देना तो
ठीक नहीं है
७८ - नानी को गाली
अपमान जनक
सबसे भारी
७९ - दूर रहिये
कूलर की हवा से
सीधी टक्कर
८० - पक्ष न लूं तो
मैं होऊँ धीरे धीरे
बे मशरफ
८१ - प्रेम करते
लेकिन परवाह
उतना (बिलकुल ) नहीं
८२ - हर आदमी
सामान, वही फिर
सौदागर है
८३ - नास्तिक होना
जो अनासक्त होता
भक्त आसक्त
८४ - ईश्वर एक
दवा भर जानिए
मनोवैज्ञानिक
८५ - नास्तिकता तो
बनाती अनासक्त
भक्ति आसक्त
८६ - बार बार तो
आंसू आते लिखते
क्या पढ़ पाते
८७ - बार बार तो
आंसू आते , क्या पढ़े
कैसे तो लिखें?
८८ - जलावतन
से मेरा देश जला
जला वतन
८९ - जो भी कारण
देश में अपने हैं
तो गड़बड़ी
९० - इस अखाड़े
में मैं नहीं, तू चिंता
न कर भाई
९१ - यह अखाड़ा
तुम्हारे लिए नहीं
है नागरिक
९२ - तुमसे कहा
किसने कोई चीज़
बुरी होती है
९३ - अफीम होती
बड़ी दवा की चीज़
जन बचाती
९४ - प्यार के लिए
बेकार ही समय
गवांया मैंने
९५ - तन कापड़
तन के भीतर का
मन नंगा है
९६ - मीरा ने नचा
ज़माने को नचाया
राधा नाची थी
# राधा जो नाची
ज़माने को नचाया
मीरा भी नाची
९७ - धन है नहीं
जन न कोई साथ
मन अथाह
९८ - किसी को देखो
फिर कुछ न देखो
उसी को देखो
९९ - हाथ पाई में
जो हुआ धराशायी
मुंह की खाई
१०० - थिर समुद्र
का ध्यान करो तुम
धीरज पाओ
१०१ - अब सफ़र
समय की बर्बादी
लगे है मुझे
१०२ - हाँ मैं भूखा हूँ
जैसे वे, वैसा ही मैं
निश्चित प्यास
१०३ - जाने का अर्थ
समां जाना तो नहीं
ले आना भी है
(लौट आना भी)
१०४ - नहीं लगता
मन मेरा उत्सवों
या पार्टियों में
१०५ - घर का पता
है म घर जहाँ
आती चिट्ठियां
१०६ - जल फेंकता
उसके पहले ही
मैं फंस जाता
१०७ - अनावश्यक
आराम हराम है
जन्मेजय
१०८ - एक वर्दी है
सिपाही तैयार है
हाथ में डंडा
१०९ - की तो प्रतीक्षा
ज़रूरत से ज्यादा
अब बेकार
११० - वासनाओं ने
बड़े तारे दिखाए
आसमानों में
१११ - अब कुछ तो
सोचना ही पड़ेगा
तेरे बारे में
११२ - अपना मॉल
उन्हें तो बेचना है
कैसे भी बिके
११३ - मैं चाहता हूँ
कोई हो मेरे लिए
जो जन देदे
११४ - बहने देना
संस्कृति सरिता को
रोकना नहीं
उपेक्षा तो करना
धीरे ही धीरे
वह चली जाएगी
खुशो खुर्रम
११५ - कुछ न होगा
कुछ भी नहीं होता
सब हो जाता
११६ - तुम हो न हो
तुम्हारे बल तो हैनं
अति सुंदर
११७ - दिन का पता
न रत का संज्ञान
जीव प्रकृति
११८ - क्या संभव है
समुद्र में डूबना
बिना भीगे ही
११९ - प्यार करना
ज्यादा ज़रूरी है या
टट्टी पेशाब?
१२० - मृत्योपरांत
कुछ तो होता होगा
जीवन पूर्व
१२१ - आई थिंक सो
बट डोंट फोलो मी
डू योर सेल्फ
१२२ - झाडू पोछे में
बीत गयी जिंदगी
कहाँ आराम?
१२३ - आता गया था
एक के बाद एक
काम क्रम से
१२४ - छुटकारा लें
धीरे धीरे इनसे
तीज त्यौहार
१२५ - विज्ञापन तो
निज भाषा बोलेगा
आप अपनी
१२६ - जहन जब था
कहीं नहीं गया मैं
वहीँ अब हूँ
१२७ - अब भी याद
उस गाँव का रास्ता
उनका घर
१२८ - न्याय किसी के
अजेंडे पर नहीं
हमारे तो नहीं
१२९ - ऐसा करते
क्योंकि ऐसा होता है
सोचते नहीं
१३० - वह जो भी है
है तो है, ईश्वर भी
हो सकता
१३२ - सो सेंसिटिव
व्हाई आइ एम् सो
शार्प माइंड
१३३ - अपना काम
शरीर करता है
मन अपना
१३४ - मौलिक मूर्ख
आदमी बहुत है
समझदार
१३५ - मुझे शक है
की हूँ आदमी मैं भी
विश्वास नहीं
१३६ - शक जो हुआ
कोई एक बार भी
पक्का समझो
१३७ - यह क्या हुआ
कैसे मेरा सर्वांग
दर्द समाप्त
१३८ - कोई बनाता
नहीं मुझे शोषित
मैं खुद होता
१३९ - जो है, शायद
वही होना चाहिए
वही ठीक है
१४० - थोड़ा निर्मम
तो होना ही चाहिए
न्याय के लिए
१४१ - कुछ भी पूछो
हाँ ही होगा जवाब
न नहीं मेरा
१४२ - सब अच्छे हैं
सब भले मानुष
बुरा हूँ तो मैं
१४३ -बुखार आता
तो छू ही लेते मेरा
हाथ या माथा
१४४ - छू तो लेते वो
बुखार जो आ जाता
तो मेरा माथा
१४५ - छू तो लेते वो
मेरा माथा जो मुझे
बुखार आता
१४६ - सब जगह
गरीबी एक सी है
कहीं भी जाओ
१४७ - न अपना है
मेरे बच्चों का घर
न पराया है
१४८ - सुन्दर होना
स्त्रैण आवश्यकता
या कातिलाना
१४९ - इन्ही बच्चों के
साथ रहना हमें
इन्ही लोगों के
१५० - गाँव पीछे हो
शरार में, गाँव में
शहर पीछे
१५१ - ब्राह्मणवाद
परफेक्ट वाद है
विकल्प हीन
१५२ - शादी जो लड़ी
प्यार पर, की प्यार
हुआ मुश्किल
१५३ - देख पाएंगीं
अनुभवी आँखें ही
नर या मादा
१५४ - सफल व्यक्ति
आरामतलब हो
संभव नहीं
१५५ - प्रेम नाम
किस तो चिड़िया का
कहीं देखा क्या?
१५६ - बहुत नहीं
फिर भी खुश ही हूँ
आप लोगों से
१५७ - सबको जीना
अपना अजेंडा है
वही मरना
१५८ - धर्म जगत
अंजना संसार
ज्ञान बाहर
१५९ - आसान नहीं
भूलना, आसान है
उनकी याद
१६० - तुम्हारी इच्छा
तुम जानो, अपनी
मैं जानता हूँ
१६१ - दुःख के साथी
नहीं हैं भाई बन्धु
सुख के साथी
१६२ - अच्छे पुरुष
इस संघ के सदस्य
अच्छी नारियां
१६३ - याद करोगे
तो आएंगे ही वह
याद आएंगे
१६४ - कल्पना ख़त्म
तो ईश्वर भी ख़त्म
आदमी का क्या?
१६५ - बुरी लगनी
नहीं चाहिए बातें
लग जातीं हैं
१६६ - राज्य दर्शन
लेकर आते धर्म
सब के सब
१६७ - घटित होगा
ऐसे ही एक दिन
हार्ट अटैक
१६७ - अच्छी तो थी
वह दुनिया जिसे
छोड़ना पड़ा
१६८ - सबसे ज्यादा
दलित है प्रकृति
इंसानों द्वारा
१६९ - दिया ही दिया
मैंने जिंदगी भर
लिया न कुछ
१७० - जो मेरी राय
औरत के बारे में
है तो बस
१७१ - संदेह नहीं
की वह प्यार ही था
जिसके लिए .....
१७२ - फैली हुई हैं
खुशियाँ चारों ओर
उसके हो लेन
१७३ - सत्य असत्य
का प्रश्न नहीं, सब
पक्ष विपक्ष
१७४ - प्रेम करते
परवाह भी करें
ज़रूरी नहीं
१७५ - सारा उत्साह
हवा हो जाता, कुछ
समय बाद
१७६ - साढ़े दो बजे
टेक्निकली सही है \
असांस्कृतिक
१७७ - क्या ज़रूरी है
अंतर्राष्ट्रीय होना
इतना ज्यादा ?
१७८ - मैं बतियाता
खुद अपने से ही
अन्य से नहीं
१७९ - मौका मिले तो
पढ़ना इसे , फिर
कूड़ा फेंकना
१८० - मैंने अपना
मनो विज्ञान स्वयं
क्रियेट किया
१८० - भरपाई की
की तो बड़ी कोशिशें
कर न पाया
१८१ - तुम्हारा द्वार
खींचने से खुलता/
ढ़केलने से ?
१८२ - वह इतनी
गृहस्थी चलाने में
पटु नहीं है
१८३ - सामग्री देते
लिखकर , लिखने
वालों को हम
१८४ - सहारा कोई
दे तो नहीं पायेंगे
छीन ही लेंगे
१८५ - सुरक्षित हैं
वेश्या मोहल्ले में
दूसरी स्त्रियाँ
१८६ - इसे मिटाना
चाहता भी नहीं हूँ
मुश्किल भी है
१८७ - कोलकाता भी
है तो हिन्दुस्तान में
बेंगलुरु भी
१८८ - दिखता तो हूँ
और कैसे बताऊँ
मैं दलित हूँ !
१८९ - अब टूटना
कुछ बाक़ी नहीं है
टूट जाना है
१९० - खबर होगी
ऐसे ही एक दिन
फलाने mar इ
१९१ - पानी पियो तो
गहरे पैठ कर
खुलिस्ता नहीं
१९२ - पाओं के नीचे
बिल्कुल ज़मीन है
हवा नहीं है
१९३ - काम से गए
काम से चले आये
ऐसे ही यात्रा
१९४ - क्या कर लोगे
समय जान कर
चलते जाओ
१९५ - नंगी न रहो
कपड़े पहन लो
ठण्ड लगेगी
१९६ - तो ही क्या होता
मिल भी गए होते
मुझे तुम जो
१९७ - जबर दस्ती
नहीं होनी चाहिए
हो चाहें जो भी
१९८ - आदमी कौन
देखता है भडुवा
धन - दौलत
सब पैसा देखते
गुनहगार
१९९ - मानता हूँ मैं
निष्ठुर होना पड़ा
मुझे भी कभी
२०० - बंदूकें सब
आग उगलती हैं
जंगल जले
=============================
~!@#$%^&*()_+ THE END
=============
THE END
=============
अपने राज्य के लिए
जन के नहीं .
२ - भूखो को भूख
बहुत लगती है
बहुत खाते .
३ - छोड़ा तो छोड़ा
उन्हें , जिन्हें पकड़ा
उन्हें पकड़ा .
४ - अच्चा लगता
सम्बन्ध बिगाड़ते
भला किसको .
५ - आध्यात्मिकता
अन्दर से बनाती
व्यक्ति को ठोस .
६ - बुरानुभूति
भी एक अनुभूति
बुरी खबर .
७ -काम उठाया
बजाय उपदेश
शक्तिशः किया .
८ - देखा तो नहीं
लेकिन देखने का
मन तो है .
९ - मुश्किल होगा
मुझको यूँ जानना
साधारणतः .
१० - क्या ज़रूरी है
अच्छा ही लिखा जाए
बुरा क्यों नहीं .
११ - आप आयेंगे
तो खड़े हो जायेंगे
हम कुर्सी से .
१२ - क्या तड़पना
भाग्य में ही नहीं था
जब मिलना .
१३ - लिखते होंगे
विचारते नहीं हैं
साहित्त्य कार .
१४ - सोच में खोट
पैदा कर देती है
प्रशंसा - मोह .
१५ - नीचे गिराती
महान बनने का
मोह व्यक्ति को .
१६ - विरोध में हैं
समर्थन में नहीं
हम आपके .
१७ - नेता में नेता
एक अमर सिंह
एक अजित .
१८ - मुझे आदमी
कोई पसंद आता
या नहीं आता .
१९ - चकनाचूर
करता मैं महिमा
वालों का दंभ .
२० - ज़रूरी भी है
लेकिन थोड़ा दंभ
मान में लिए .
२१ - ढूंढता हूँ मैं
थोड़ा हंस लेने का
सुअवसर .
२२ - स्वामी नहीं मैं
देश की जनता का
स्वामिभक्त हूँ .
२३ - मैं ही देवता
हाँ , मैं ही राक्षस हूँ
मैं आदमी हूँ .
२४ - जानते नहीं
वह संपादक हैं
नहीं लिखेंगे .
२५ - कम्बल नहीं
उन्हें छत चाहिए
जाड़ों के लिए .
२६ - हम मूर्ख थे
हम मूर्ख हैं , हम
मूर्ख रहेंगे .
२७ - भ्रष्टाचार के
बारे में हम बात
नहीं करते .
२८ - आकर्षक हैं
रौवां जी के नितम्ब
सुन्तहयीं न !
२९ - कोफ़्त होती है
सिनेमा देखकर
या सीरियल |
३० - मैं और प्रेम
किसी से कभी नहीं
अरे , कभी तो !
३१ - शादी क्या होती
निभाना भर होता
पूरी जिंदगी |
३२ - नहीं दीखता
कोई परिवर्तन
कल - आज में |
३३ - नहीं आया जो
लिखना , लेकिन तो
घमंड आया |
३४ - होता है फ्यूज़
बल्ब फ्यूज़ होता है
उसने कहा |
३५ - वह है नहीं
तो क्या न होने दें , जो
होना चाहता ?
३६ - मूर्ख हैं हम
कुछ नहीं जानते
दुनिया बड़ी
#
३७ - नहीं छोड़ती
कविता मेरा पीछा
आगे बढ़ाती
३८ - प्रगतिशील
कितना भी हो बुड्ढा
बुड्ढा रहेगा
३९ -यही ज़िंदगी
अच्छी भी है बुरी भी
जैसा इसे लो
४० - तंग आ गया
ज़िंदगी से अब तो
लेकिन तो क्या
४१ - करते सब
होता कुछ अन्हीं
पूजा पाठ से
४२ - हम जो हैं
हमारा दिल भी है
दिमाग भी
४३ - मैं अभिज्ञता
महसूस करता
आप अपनी
४४ - यह चांस है
निरा मौके की बात है
कि ईश्वर है
४५ - हार जाओगे
प्यार का मामला है
कबड्डी नहीं
४६ - बेवकूफी से
नफ़रत थी मुझे
वही मेरी है
४७ - बिना घूस भी
काम होना चाहिए
बिना जुगाड़
४८ - आई हैव टु
लिव तू लॉन्ग, फॉर
मैनी रीजंस
I have to
live too long for
many reasons
४९ - पानी तो गर्म
चाहिए उन्हें , पर
कमरा ठंडा
५० - कहाँ जीतोगे
लड़ाई करने से
नाश ही नाश
५१ - तुम्हारे बिना
एक दुनिया बसा
तो ली है मैंने
५२ - फैसला किया
तेरे मेरे बीच में
फासला रहे
५३ - न ज्यादा रोना
हर हाल में मस्त
न ज्यादा खुश
५४ - तुम्हारे श्याम
हो गए श्वेत-श्याम
हे राधा! कृष्ण
५५ - गुलामी आती
बिना कोई खबर
दिए कमबख्त
५६ - दुनिया खाक
ही होती , जो न होते
गुलमोहर
५७ - सत्य यह भी
थोड़ा घुमाओ इसे
सत्य वह भी
५८ - बहुत तेज़
रुदन हथियार
करता वार
५९ - व्यवसाय है
ज़िंदगी जीना भी
मुझे न आया
न कुछ कर पाया
ज़िन्दगी भर
६० - सत्य से प्रेम
मुझको है तो कभी
परहेज भी
६१ - जातीय स्मृति
आगे चल करती
जातीय भूल
६२ - अपने से ही
हो पता है सीखना
पढ़ाई व्यर्थ
६३ - हाथा पाई में
जिसने हार खाई
है धराशायी
६४ - बहुत कम
पसंद आ पाते हैं
मुझे आदमी
६५ - कोई भी व्यक्ति
मुझे पसंद नहीं
न मैं किसी को
६६ - छुट्टी ही छुट्टी
सरकारी नौकरी
मज़े ही मज़े
६७ - मन संन्यासी
हो गया अब मेरा
सम्बन्धहीन
६८ -शुक्र गुज़र
बनूँ भी तो कैसे मैं
किसी शख्श का
किसी ने भी तो
ऐसी कोई मदद
मेरी नहीं की
६९ - विवाहेतर प्रेम
ही होता सच्चा प्रेम
दरअसल
७० - शरीर है तो
शरीर ही नहीं है
तिस पर भी
७१ - वह जो था न
वह सम्बन्ध नहीं
व्यवसाय था
७२ - मिले नहीं कि
आकर्षण समाप्त
हुआ समझो
७३ - पछताने से
अच्छा है वह काम
करें ही नहीं
७४ - बड़ी आँख से
छोटी लगती सारी
रिद्धि सिद्धियाँ
७५ - अपनी स्थिति
से पूर्ण परिचय
ज्ञान संज्ञान
७६ - खेल खिलाड़ी
ही समझो हमको
रेफरी नहीं
७७ - इस बात का
ज्यादा टूल देना तो
ठीक नहीं है
७८ - नानी को गाली
अपमान जनक
सबसे भारी
७९ - दूर रहिये
कूलर की हवा से
सीधी टक्कर
८० - पक्ष न लूं तो
मैं होऊँ धीरे धीरे
बे मशरफ
८१ - प्रेम करते
लेकिन परवाह
उतना (बिलकुल ) नहीं
८२ - हर आदमी
सामान, वही फिर
सौदागर है
८३ - नास्तिक होना
जो अनासक्त होता
भक्त आसक्त
८४ - ईश्वर एक
दवा भर जानिए
मनोवैज्ञानिक
८५ - नास्तिकता तो
बनाती अनासक्त
भक्ति आसक्त
८६ - बार बार तो
आंसू आते लिखते
क्या पढ़ पाते
८७ - बार बार तो
आंसू आते , क्या पढ़े
कैसे तो लिखें?
८८ - जलावतन
से मेरा देश जला
जला वतन
८९ - जो भी कारण
देश में अपने हैं
तो गड़बड़ी
९० - इस अखाड़े
में मैं नहीं, तू चिंता
न कर भाई
९१ - यह अखाड़ा
तुम्हारे लिए नहीं
है नागरिक
९२ - तुमसे कहा
किसने कोई चीज़
बुरी होती है
९३ - अफीम होती
बड़ी दवा की चीज़
जन बचाती
९४ - प्यार के लिए
बेकार ही समय
गवांया मैंने
९५ - तन कापड़
तन के भीतर का
मन नंगा है
९६ - मीरा ने नचा
ज़माने को नचाया
राधा नाची थी
# राधा जो नाची
ज़माने को नचाया
मीरा भी नाची
९७ - धन है नहीं
जन न कोई साथ
मन अथाह
९८ - किसी को देखो
फिर कुछ न देखो
उसी को देखो
९९ - हाथ पाई में
जो हुआ धराशायी
मुंह की खाई
१०० - थिर समुद्र
का ध्यान करो तुम
धीरज पाओ
१०१ - अब सफ़र
समय की बर्बादी
लगे है मुझे
१०२ - हाँ मैं भूखा हूँ
जैसे वे, वैसा ही मैं
निश्चित प्यास
१०३ - जाने का अर्थ
समां जाना तो नहीं
ले आना भी है
(लौट आना भी)
१०४ - नहीं लगता
मन मेरा उत्सवों
या पार्टियों में
१०५ - घर का पता
है म घर जहाँ
आती चिट्ठियां
१०६ - जल फेंकता
उसके पहले ही
मैं फंस जाता
१०७ - अनावश्यक
आराम हराम है
जन्मेजय
१०८ - एक वर्दी है
सिपाही तैयार है
हाथ में डंडा
१०९ - की तो प्रतीक्षा
ज़रूरत से ज्यादा
अब बेकार
११० - वासनाओं ने
बड़े तारे दिखाए
आसमानों में
१११ - अब कुछ तो
सोचना ही पड़ेगा
तेरे बारे में
११२ - अपना मॉल
उन्हें तो बेचना है
कैसे भी बिके
११३ - मैं चाहता हूँ
कोई हो मेरे लिए
जो जन देदे
११४ - बहने देना
संस्कृति सरिता को
रोकना नहीं
उपेक्षा तो करना
धीरे ही धीरे
वह चली जाएगी
खुशो खुर्रम
११५ - कुछ न होगा
कुछ भी नहीं होता
सब हो जाता
११६ - तुम हो न हो
तुम्हारे बल तो हैनं
अति सुंदर
११७ - दिन का पता
न रत का संज्ञान
जीव प्रकृति
११८ - क्या संभव है
समुद्र में डूबना
बिना भीगे ही
११९ - प्यार करना
ज्यादा ज़रूरी है या
टट्टी पेशाब?
१२० - मृत्योपरांत
कुछ तो होता होगा
जीवन पूर्व
१२१ - आई थिंक सो
बट डोंट फोलो मी
डू योर सेल्फ
१२२ - झाडू पोछे में
बीत गयी जिंदगी
कहाँ आराम?
१२३ - आता गया था
एक के बाद एक
काम क्रम से
१२४ - छुटकारा लें
धीरे धीरे इनसे
तीज त्यौहार
१२५ - विज्ञापन तो
निज भाषा बोलेगा
आप अपनी
१२६ - जहन जब था
कहीं नहीं गया मैं
वहीँ अब हूँ
१२७ - अब भी याद
उस गाँव का रास्ता
उनका घर
१२८ - न्याय किसी के
अजेंडे पर नहीं
हमारे तो नहीं
१२९ - ऐसा करते
क्योंकि ऐसा होता है
सोचते नहीं
१३० - वह जो भी है
है तो है, ईश्वर भी
हो सकता
१३२ - सो सेंसिटिव
व्हाई आइ एम् सो
शार्प माइंड
१३३ - अपना काम
शरीर करता है
मन अपना
१३४ - मौलिक मूर्ख
आदमी बहुत है
समझदार
१३५ - मुझे शक है
की हूँ आदमी मैं भी
विश्वास नहीं
१३६ - शक जो हुआ
कोई एक बार भी
पक्का समझो
१३७ - यह क्या हुआ
कैसे मेरा सर्वांग
दर्द समाप्त
१३८ - कोई बनाता
नहीं मुझे शोषित
मैं खुद होता
१३९ - जो है, शायद
वही होना चाहिए
वही ठीक है
१४० - थोड़ा निर्मम
तो होना ही चाहिए
न्याय के लिए
१४१ - कुछ भी पूछो
हाँ ही होगा जवाब
न नहीं मेरा
१४२ - सब अच्छे हैं
सब भले मानुष
बुरा हूँ तो मैं
१४३ -बुखार आता
तो छू ही लेते मेरा
हाथ या माथा
१४४ - छू तो लेते वो
बुखार जो आ जाता
तो मेरा माथा
१४५ - छू तो लेते वो
मेरा माथा जो मुझे
बुखार आता
१४६ - सब जगह
गरीबी एक सी है
कहीं भी जाओ
१४७ - न अपना है
मेरे बच्चों का घर
न पराया है
१४८ - सुन्दर होना
स्त्रैण आवश्यकता
या कातिलाना
१४९ - इन्ही बच्चों के
साथ रहना हमें
इन्ही लोगों के
१५० - गाँव पीछे हो
शरार में, गाँव में
शहर पीछे
१५१ - ब्राह्मणवाद
परफेक्ट वाद है
विकल्प हीन
१५२ - शादी जो लड़ी
प्यार पर, की प्यार
हुआ मुश्किल
१५३ - देख पाएंगीं
अनुभवी आँखें ही
नर या मादा
१५४ - सफल व्यक्ति
आरामतलब हो
संभव नहीं
१५५ - प्रेम नाम
किस तो चिड़िया का
कहीं देखा क्या?
१५६ - बहुत नहीं
फिर भी खुश ही हूँ
आप लोगों से
१५७ - सबको जीना
अपना अजेंडा है
वही मरना
१५८ - धर्म जगत
अंजना संसार
ज्ञान बाहर
१५९ - आसान नहीं
भूलना, आसान है
उनकी याद
१६० - तुम्हारी इच्छा
तुम जानो, अपनी
मैं जानता हूँ
१६१ - दुःख के साथी
नहीं हैं भाई बन्धु
सुख के साथी
१६२ - अच्छे पुरुष
इस संघ के सदस्य
अच्छी नारियां
१६३ - याद करोगे
तो आएंगे ही वह
याद आएंगे
१६४ - कल्पना ख़त्म
तो ईश्वर भी ख़त्म
आदमी का क्या?
१६५ - बुरी लगनी
नहीं चाहिए बातें
लग जातीं हैं
१६६ - राज्य दर्शन
लेकर आते धर्म
सब के सब
१६७ - घटित होगा
ऐसे ही एक दिन
हार्ट अटैक
१६७ - अच्छी तो थी
वह दुनिया जिसे
छोड़ना पड़ा
१६८ - सबसे ज्यादा
दलित है प्रकृति
इंसानों द्वारा
१६९ - दिया ही दिया
मैंने जिंदगी भर
लिया न कुछ
१७० - जो मेरी राय
औरत के बारे में
है तो बस
१७१ - संदेह नहीं
की वह प्यार ही था
जिसके लिए .....
१७२ - फैली हुई हैं
खुशियाँ चारों ओर
उसके हो लेन
१७३ - सत्य असत्य
का प्रश्न नहीं, सब
पक्ष विपक्ष
१७४ - प्रेम करते
परवाह भी करें
ज़रूरी नहीं
१७५ - सारा उत्साह
हवा हो जाता, कुछ
समय बाद
१७६ - साढ़े दो बजे
टेक्निकली सही है \
असांस्कृतिक
१७७ - क्या ज़रूरी है
अंतर्राष्ट्रीय होना
इतना ज्यादा ?
१७८ - मैं बतियाता
खुद अपने से ही
अन्य से नहीं
१७९ - मौका मिले तो
पढ़ना इसे , फिर
कूड़ा फेंकना
१८० - मैंने अपना
मनो विज्ञान स्वयं
क्रियेट किया
१८० - भरपाई की
की तो बड़ी कोशिशें
कर न पाया
१८१ - तुम्हारा द्वार
खींचने से खुलता/
ढ़केलने से ?
१८२ - वह इतनी
गृहस्थी चलाने में
पटु नहीं है
१८३ - सामग्री देते
लिखकर , लिखने
वालों को हम
१८४ - सहारा कोई
दे तो नहीं पायेंगे
छीन ही लेंगे
१८५ - सुरक्षित हैं
वेश्या मोहल्ले में
दूसरी स्त्रियाँ
१८६ - इसे मिटाना
चाहता भी नहीं हूँ
मुश्किल भी है
१८७ - कोलकाता भी
है तो हिन्दुस्तान में
बेंगलुरु भी
१८८ - दिखता तो हूँ
और कैसे बताऊँ
मैं दलित हूँ !
१८९ - अब टूटना
कुछ बाक़ी नहीं है
टूट जाना है
१९० - खबर होगी
ऐसे ही एक दिन
फलाने mar इ
१९१ - पानी पियो तो
गहरे पैठ कर
खुलिस्ता नहीं
१९२ - पाओं के नीचे
बिल्कुल ज़मीन है
हवा नहीं है
१९३ - काम से गए
काम से चले आये
ऐसे ही यात्रा
१९४ - क्या कर लोगे
समय जान कर
चलते जाओ
१९५ - नंगी न रहो
कपड़े पहन लो
ठण्ड लगेगी
१९६ - तो ही क्या होता
मिल भी गए होते
मुझे तुम जो
१९७ - जबर दस्ती
नहीं होनी चाहिए
हो चाहें जो भी
१९८ - आदमी कौन
देखता है भडुवा
धन - दौलत
सब पैसा देखते
गुनहगार
१९९ - मानता हूँ मैं
निष्ठुर होना पड़ा
मुझे भी कभी
२०० - बंदूकें सब
आग उगलती हैं
जंगल जले
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~!@#$%^&*()_+ THE END
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