कविता
औरंगजेब को याद करो
और फिर ,
अपने मंत्री से पूछो :
उसे टोपियाँ सिलनी
आती हैं या नहीं ?
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* धर्मनिरपेक्षता के चलते भारत में हिन्दू राज्य नहीं हो सकता | लेकिन इसी वजह से हिंदुस्तान में इस्लामी राज्य भी नहीं हो सकता |
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* मूर्ख हैं हिन्दू मुसलमान दोनों हिंदुस्तान के | अरे , अयोध्या में उन्हें एक -एक कमरा
एलोट हुआ था ,बगल में सीता रसोई थी जहाँ के बारे में कहा जाता है कि वहाँ भोजन
कभी समाप्त नहीं होता | क्या दिक्कत थी ? आराम से रहते | जैसे हिन्दू मुसलमान सामान्य जीवन में देश में साथ साथ रहते हैं | और खीर -पूड़ी , कबाब -बिरयानी खाते ! पर उन्हें
कौन समझाए | मेरे जैसा कोई बुद्धिजीवी भी तो नहीं है उनके पास ! और मेरी आवाज़ उन तक
पहुँचने का कोई साधन नहीं है | [ व्यंग्य वाणी ]
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* मुझे अब यह बड़ी शिद्दत से से महसूस हो रहा है कि दुनिया में मूर्खता की प्रबलता है , और मूर्खता का ही साम्राज्य होना है | इसलिए अब कुछ बोलने का , किसी से बातें करने का मन नहीं होता | फ़िज़ूल
हो जाती हैं सारी बातें |
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* बहुत शानदार , महान बनना नागरिक के किसी काम नहीं आता | उसे रहना पड़ता है अपने जाति और समुदाय
में --- दफ्न होना पड़ता है अपने धर्म के कब्रिस्तान में | फिर बातें करते रहिये world civil code की !
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