* अल्ला देख रहा है
कोई देखे या न देखे अल्ला देख रहा है | बहुत से धार्मिक, सांप्रदायिक, राजनीतिक संस्थाएं और संगठन तमाम ऐसे काम कर रहे हैं, उन्हें मैं यह तो कहने का सहस नहीं करूँगा कि वे राष्ट्र हित में नहीं हैं, लेकिन वे सामान्य जनता को समझ और पसंद नहीं आते | ज़ाहिर है वे अपने कर्मों पर लीपा पोती करके उनका औचित्य सिद्ध करते हैं | मैं उनसे यह कहना/बताना चाहता हूँ कि जनता भले आपके खिलाफ कुछ कह / बोल नहीं पा रही है लेकिन जान लीजिये कि वह बड़े ध्यान से आप लोगों को देख रही है और अपना मन कुछ बना रही है चुपचाप , जो समय पर , यदि उसे मिला तो , ज़ाहिर होगा | इतना मूर्ख न समझिये हमें कि आप झूठी साफ़ सफाई दें और हम मानते जाएँ | इनके अतिरिक्त इनके समर्थक एन जी ओ संगठनों और अग्रजन व्यक्तियों से निवेदन है कि इस देश में वैसे ही ३३ करोड़ देवता हैं , और उनसे देश कम परेशान नहीं है | अब आप लोग भी देवता और भगवान् बनकर इनकी संख्या में वृद्धि न करें | आदमी बने रहिये और साधारण आदमी की तरह ही सोचिये और उसका साथ दीजिये | समय देख कर रंग और राजनीति बदलियेगा तो अभी कुछ पैसा कौड़ी और ख्याति मिल जा रही है , अंततः आपको इतिहास की धूल चाटनी पड़ेगी | [ अस्पष्ट Ambiguous बयान ]
कोई देखे या न देखे अल्ला देख रहा है | बहुत से धार्मिक, सांप्रदायिक, राजनीतिक संस्थाएं और संगठन तमाम ऐसे काम कर रहे हैं, उन्हें मैं यह तो कहने का सहस नहीं करूँगा कि वे राष्ट्र हित में नहीं हैं, लेकिन वे सामान्य जनता को समझ और पसंद नहीं आते | ज़ाहिर है वे अपने कर्मों पर लीपा पोती करके उनका औचित्य सिद्ध करते हैं | मैं उनसे यह कहना/बताना चाहता हूँ कि जनता भले आपके खिलाफ कुछ कह / बोल नहीं पा रही है लेकिन जान लीजिये कि वह बड़े ध्यान से आप लोगों को देख रही है और अपना मन कुछ बना रही है चुपचाप , जो समय पर , यदि उसे मिला तो , ज़ाहिर होगा | इतना मूर्ख न समझिये हमें कि आप झूठी साफ़ सफाई दें और हम मानते जाएँ | इनके अतिरिक्त इनके समर्थक एन जी ओ संगठनों और अग्रजन व्यक्तियों से निवेदन है कि इस देश में वैसे ही ३३ करोड़ देवता हैं , और उनसे देश कम परेशान नहीं है | अब आप लोग भी देवता और भगवान् बनकर इनकी संख्या में वृद्धि न करें | आदमी बने रहिये और साधारण आदमी की तरह ही सोचिये और उसका साथ दीजिये | समय देख कर रंग और राजनीति बदलियेगा तो अभी कुछ पैसा कौड़ी और ख्याति मिल जा रही है , अंततः आपको इतिहास की धूल चाटनी पड़ेगी | [ अस्पष्ट Ambiguous बयान ]
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