सोमवार, 9 मार्च 2020

Dgspn

मैं विचारक नहीं, व्यक्ति हूँ मैं विचारणीय !

विचारणीय उन अर्थों में जिसमें मनुवादी "ताड़न" शब्द का भाव बताकर तुलसी बाबा के dgspn- "ताड़न के अधिकारी" का बचाव करते हैं ।

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