शुक्रवार, 6 मार्च 2020

शरीर

ज़िंदगी का इतना सारा वक़्त तो अपना शरीर, इसका रख रखाव ही खा जाता है । दूसरों की सेवा के लिए क्या और कितना समय और अवसर बचता ही है ?

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